-सुविधा और उपयोग दोनों ही अधिक यहां रिंगरोड कपड़ा बाजार स्थित टेक्सटाइल मार्केट्स से छह गुना बड़ी दुकान/गोदाम वाले सारोली कपड़ा बाजार ने सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारियों को खूब आकर्षित किया। बड़ी दुकान/गोदाम के कम किराए व खरीद क्षमता के अनुरूप स्थिति के अलावा यहां ट्रांसपोर्ट, स्पेस, पार्किंग, कई मार्केट में फ्री मेंटनेंस की सुविधा व्यापारिक आकर्षण का केंद्र बनी। माल ढुलाई का 80 फीसद से ज्यादा काम सारोली व आसपास में पहुंच गया और डाइंग-प्रिंटिंग मिलें भी इस क्षेत्र में बढऩे से ऐसी व्यापारिक सुविधाओं का उपयोग अधिक होने लगा है।
-पुरानी रेट हो गई रिवाइज्ड रिंगरोड कपड़ा बाजार में जिस तरह से किराए में रेट रिवाइज्ड हो रहे हैं वैसे ही सारोली कपड़ा बाजार के टेक्सटाइल मार्केट्स में भी पुराने रेट रिवाइज्ड हुए बताए हैं। एक स्थिति यहां ऐसी भी हुई कि 5 हजार रुपए वर्गफीट के माल को कोई ढाई हजार वर्गफीट में लेने को भी तैयार नहीं था। यह स्थिति नोटबंदी व जीएसटी में फंसने से सारोली कपड़ा बाजार और मार्केट्स निर्माताओं की बिगड़ी थी और कोरोना काल में तो यह और खराब हो गई। सारोली कपड़ा बाजार का चार-पांच साल का बुरा दौर मानों अब बीतता प्रतीत होता है तभी नए मार्केट्स की बुकिंग रेट का बीता अच्छा जमाना लौट रहा है।
-पुरानी स्थिति से भी बेहतर हालात सभी ने बुरा दौर देखने के बाद अब उम्मीद के मुताबिक अच्छे दौर को भी देखना प्रारम्भ कर दिया है। एक समय ऐसा भी आया कि 5 हजार की वस्तु दो-ढाई हजार में भी खरीदार नहीं थे और अब वो ही वस्तु 5 हजार से भी बढ़कर भाव में बोली जा रही है।
नरेश अग्रवाल, बिल्डर, कुबेरजी ग्रुप -एक भी दुकान खाली नहीं रिंगरोड के बजाय सारोली कपड़ा बाजार अधिक व्यापारिक सुविधायुक्त होने से अब यहां कई मार्केट्स ऐसे हैं जहां एक भी दुकान खाली नहीं मिलेगी। दुकान/गोदाम के किराए में भी 70 से 80 फीसद तक सुधार दर्ज किया जा चुका है।
-बजरंग अग्रवाल, कोषाध्यक्ष, सूरत टेक्सटाइल शॉप ब्रॉकर एसोसिएशन। -निश्चित काफी सुधार, आगे भी गुंजाइश सूरत कपड़ा मंडी के कपड़ा उद्योग से जुड़े रियल एस्टेट कारोबार में रेंट और परचेजिंग दोनों में काफी सुधार बीते कुछ समय में आया है। कपड़ा व्यापारियों को बढ़ती महंगाई के बावजूद आगे भी इसमें लगातार सुधार की गुंजाइश दिख रही है।
किशन गाडोदिया, कपड़ा व्यापारी, मिलेनियम मार्केट-2
-रिंगरोड का विकल्प सारोली कपड़ा बाजार शहर के ठीक मध्य में स्थित रिंगरोड के दाएं-बाएं पसरे कपड़ा बाजार में सवा सौ-डेढ़ सौ छोटे-बड़े टेक्सटाइल मार्केट हैं। इन सभी मार्केट्स में दुकानों की साइज छोटी है और बाहर रिंगरोड पर यातायात की सदैव दिक्कत रहती है। वहीं, पिछले आठ-दस वर्षों में सूरत कपड़ा मंडी तेजी से ग्रोथ करने वाले कपड़ा कारोबार में हजारों कपड़ा व्यापारियों की व्यापारिक क्षमता भी खूब बढ़ी और नतीजन शहर के सारोली क्षेत्र में नया कपड़ा बाजार विकसित हुआ जो कि आज रिंगरोड कपड़ा बाजार का मजबूत विकल्प बनकर तैयार हो गया है।
-रिंगरोड का विकल्प सारोली कपड़ा बाजार शहर के ठीक मध्य में स्थित रिंगरोड के दाएं-बाएं पसरे कपड़ा बाजार में सवा सौ-डेढ़ सौ छोटे-बड़े टेक्सटाइल मार्केट हैं। इन सभी मार्केट्स में दुकानों की साइज छोटी है और बाहर रिंगरोड पर यातायात की सदैव दिक्कत रहती है। वहीं, पिछले आठ-दस वर्षों में सूरत कपड़ा मंडी तेजी से ग्रोथ करने वाले कपड़ा कारोबार में हजारों कपड़ा व्यापारियों की व्यापारिक क्षमता भी खूब बढ़ी और नतीजन शहर के सारोली क्षेत्र में नया कपड़ा बाजार विकसित हुआ जो कि आज रिंगरोड कपड़ा बाजार का मजबूत विकल्प बनकर तैयार हो गया है।
