SURAT KAPDA MANDI: यह दौर भी बीत जाएगा, चुनौतियों के लिए तैयार हैं हम
-सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारियों की राय
-राजस्थान पत्रिका के अभियान को सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारी वर्ग ने कोरोना काल में व्यापारिक दृष्टि से सकारात्मक दिशा में पहल के समान माना

सूरत. वर्ष 2020 कोरोना महामारी से उपजे संकटकाल के लिए सदैव जाना जाता रहेगा। यह पूरा साल सामाजिक, आर्थिक स्तर पर विभिन्न तरह की चुनौतियों से भरा रहा है और संभव है आगे भी कुछ समय इसी तरह से बीतें, लेकिन सूरत कपड़ा मंडी का व्यापारी वर्ग किसी भी तरह के चैलेंज से घबराता नहीं है बल्कि उसका सामना करता है और उसके समाधान का सकारात्मक रास्ता भी तलाशता है ताकि वह स्वयं तो उस पर चलें ही साथ ही कपड़ा कारोबार भी चलें। ऐसा ही मौजूदा दौर है और इसमें राजस्थान पत्रिका ने वर्ष 2020 के बीतते लम्हों में 'कोरोना फिर तैयार, कैसे सुधरे कपड़ा बाजार...Óअभियान छेड़कर सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारी वर्ग को भी सकारात्मक दृष्टिकोण से कोरोना महामारी से उपजे संकटकाल के बीच व्यापारिक स्थिति को संभाले रखने की दिशा में कई अहम कारोबारी बिन्दुओं से प्रेरित किया है। कोरोना महामारी का बहुत बड़ा वक्त बीत चुका है और थोड़ा जो कुछ वक्त बचा है वह भी बीत जाएगा और उसमें भी किसी तरह की चुनौतियां सामने आती हैं तो उनके लिए सूरत कपड़ा मंडी का व्यापारी वर्ग तैयार है। यह बातें राजस्थान पत्रिका के अभियान से सतर्कता बरतते हुए ऑनलाइन धोखाधड़ी के आरोपी व्यापारी के खिलाफ पुलिस शिकायत करने में अहम भूमिका निभाने वाले सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारिक संगठन सूरत मर्कंटाइल एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य व्यापारियों ने बताई है।
जानिए कैसे रखी व्यापारी वर्ग ने अहम राय
-भूल गए थे, वापस याद दिला दिया
अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर के दौरान आई व्यापारिक तेजी से सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारी कोरोना महामारी के पहले चरण से उपजे व्यापारिक संकट को भूल चुका था, लेकिन दीपावली के बाद उसे कोरोना की दूसरी लहर और उसकी वजह से प्रशासनिक सख्ती ने फिर से पुरानी यादें ताजा कर दी। रात्रि कफ्र्यू का कोई औचित्य नहीं है, फिर भी लगा हुआ है।
अशोक गोयल, कपड़ा व्यापारी, जय महावीर टैक्सटाइल मार्केट
-गुड्स रिटर्न बना है बड़ी समस्या
राजस्थान पत्रिका ने कोरोना फिर तैयार, कैसे सुधरे कपड़ा बाजार...अभियान में गुड्स रिटर्न पर बेहतर तरीके से फोकस किया और सच में यह सूरत कपड़ा मंडी की बड़ी व्यापारिक समस्या बन चुकी है। निचली मंडी के व्यापारी पैसा देना नहीं चाहते सरकार को भी इस मामले में जीएसटी बिल के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि सूरत कपड़ा मंडी में स्थिरता बनी रहे।
राजकुमार चिरानिया, कपड़ा व्यापारी, रघुकुल टैक्सटाइल मार्केट
-याद रहेगा साल 2020
कोरोना महामारी के चढ़ते-उतरते ग्राफ और बीमारी को काबू में रखने के लिए सरकार के द्वारा लिए गए सख्त निर्णयों से सूरत कपड़ा मंडी की कमर ही टूट गई है। हर तरफ समस्याओं का अम्बार है, हालांकि कोरोना भी सुस्त पड़ा है मगर यकीन से कुछ नहीं कहा जा सकता। ऐसे हालात में सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारी वर्ग को संगठित और सतर्क रहने की अधिक आवश्यकता है।
सागर साहनी, कपड़ा व्यापारी, सूरत टैक्सटाइल मार्केट
-मेहनत की कमाई, शंका-शर्म में न गंवाए
कोरोना काल में सूरत कपड़ा मंडी के प्रत्येक व्यापारी को ओवर प्रोडक्शन से बचना चाहिए और सामने वाले को एक सीमा तक ही उधार में माल देना चाहिए। इसके अलावा उधारी का तकादा कड़क रखें और लम्बी उधारी में माल देने से बचें। कोरोना काल में व्यापारी वर्ग अपनी मेहनत की कमाई को यूं ही शंका और शर्म से व्यर्थ नहीं जाने दें बल्कि उसको पाने के पूरे जतन करें।
आत्माराम बाजारी, डिजीटल यूनिट संचालक, सचिन जीआईडीसी
- मंदी के बीच यार्न में तेजी
दीपावली के बाद सूरत कपड़ा मंडी में लेवाली पूरी तरह से सुस्त पड़ी है, लेकिन उसके बावजूद यार्न में जबर्दस्त तेजी देखने को मिल रही है। व्यापारी वर्ग के समक्ष इस व्यापारिक प्रतिकूलता के अलावा रात्रि कफ्र्यू का सरकारी प्रावधान भी व्यापारिक अड़चन के रूप में बना हुआ है। अब यह साल तो इन सबके बीच बीत रहा है और अगला वर्ष भी सीजन पर ही आधारित रहेगा।
हेमंत गोयल, कपड़ा व्यापारी, जय महावीर टैक्सटाइल मार्केट
-सबके व्यापारिक जीवन को किया बाधित
कोरोना महामारी ने सूरत कपड़ा मंडी के छोटे-बड़े सभी के व्यापारिक जीवन को खूब बाधित किया है और नौ महीने बीतने के बाद भी यह समस्याएं खत्म नहीं हुई है। दिसावर मंडियों में व्यापार नहीं के बराबर है और भुगतान, जीआर जैसी समस्याएं सामने आ रही है। सूरत कपड़ा मंडी समेत अन्य मार्केट को दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी के सिद्धांत पर ही चलते रहना चाहिए।
अशोक बाजारी, कपड़ा व्यापारी, मिलेनियम टैक्सटाइल मार्केट
-व्यापार करना चुनौती से कम नहीं
मौजूदा हालात में कपड़ा व्यापारी के लिए व्यापार करना कोई कम चुनौतीभरा नहीं है। दिसावर मंडियों से पैमेंट में विलम्ब, जीआर का ढेर, ब्याज की मार, मंदी के हिचकौले खाता व्यापार आदि समस्याओं के बावजूद सूरत कपड़ा मंडी का व्यापारी वर्ग अपने व्यापार को दुरुस्त करने में जुटा है, यह कम नहीं है और इसी भरोसे और आत्मविश्वास के बूते वह आगे स्वयं को स्थापित कर लेगा।
सुरेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष, सांईखाति टैक्सटाइल मार्केट एसोसिएशन
अब पाइए अपने शहर ( Surat News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज