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SURAT KAPDA MANDI: महिला उद्यमी भी जीएसटी की नई दर के विरोध में मैदान में उतरी

locationसूरतPublished: Dec 02, 2021 06:07:11 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

-कपड़ा उद्योग में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष हजारों महिलाएं कार्यरत, दर वृद्धि से जनजीवन होगा प्रभावित

SURAT KAPDA MANDI: महिला उद्यमी भी जीएसटी की नई दर के विरोध में मैदान में उतरी

SURAT KAPDA MANDI: महिला उद्यमी भी जीएसटी की नई दर के विरोध में मैदान में उतरी

सूरत. सिल्कसिटी सूरतनगरी के कपड़ा कारोबार में हजारों घरों में महिलाएं प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से छोटे-बड़े काम में सक्रिय है और जीएसटी की नई दर एक जनवरी से लागू होने के बाद इन सभी के कामकाजी व घरेलू जीवन पर प्रभाव पडऩा तय है। यह बात गुरुवार को गुजरात कन्फैडरेशन ऑफ ऑल ट्रेड महिला इकाई ने जिला कलक्टर आयुष ओक को ज्ञापन में बताई है।
महिला इकाई प्रतिनिधिमंडल की संयोजिका आशा दवे व सहसंयोजिका प्रतिभा बोथरा आदि ने ज्ञापन में जिला कलक्टर को बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार ने वस्त्र व गारमेंट्स पर जीएसटी 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने की घोषणा की है और यह एक जनवरी से लागू हो जाएगी, लेकिन इसके साथ ही कई समस्याएं कपड़ा उद्योग व उससे जुड़े लोगों में पनपकर सामने आएगी। सर्वप्रथम जीएसटी की नई दर से कपड़ा प्रति मीटर 6 से 15 रुपए तक महंगा हो जाएगा और यह महंगाई महिला वर्ग को अधिक प्रभावित करेगी क्योंकि देशभर की आधी आबादी अर्थात महिलाएं कपड़े व अन्य वस्त्र की मुख्य खरीदार है। कपड़ा उद्योग के विभिन्न घटकों में महिला वर्ग सक्रिय है और जीएसटी बढऩे से इनकी व्यावसायिक और घरेलू जिम्मेदारी के निर्वहन में मुश्किलें बढ़ेगी। जीएसटी की दर सात प्रतिशत तक बढऩे से अनगिनत छोटे घरों की रसोई बंद होने की आशंका भी प्रबल बनती है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार जीएसटी की दर वृद्धि के मामले में पुनर्विचार करें।
-महिला वर्ग की कपड़ा उद्योग में भागीदारी

-गारमेेंट व एम्ब्रोडरी सेक्टर में वेल्यू एडीशन वर्क, बूटीक मालिक


-वीविंग सेक्टर में वाइंडिंग, शेड की साफ-सफाई कार्य


-फेब्रिक प्रोसेसिंग यूनिट में पैकेजिंग व क्लीनिंग वर्क
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