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सूरत मेडिकल कॉलेज में 100 सीटें बढ़ीं

locationसूरतPublished: May 17, 2018 11:04:50 pm

सूरत मेडिकल कॉलेज की सीटें डेढ़ सौ से ढाई सौ करने के लिए मंगलवार को हरी झंडी मिल गई। राज्य सरकार की ओर से मेडिकल काउंसिल…

Surat Medical College gets 100 seats

Surat Medical College gets 100 seats

सूरत।सूरत मेडिकल कॉलेज की सीटें डेढ़ सौ से ढाई सौ करने के लिए मंगलवार को हरी झंडी मिल गई। राज्य सरकार की ओर से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को इसके लिए आवेदन किया गया था। इसी महीने एमसीआई की टीम ने निरीक्षण करने के बाद कॉलेज को २०१८-१९ के सत्र से एमबीबीएस के लिए छात्रों को प्रवेश की अनुमति दे दी है।

राज्य सरकार ने बजट में सूरत मेडिकल कॉलेज की सीटें डेढ़ सौ बढ़ाकर दो सौ करने की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने योजना का डिजाइन तैयार करने का कार्य इंदौर की एक कंसलटेंसी को सौंपा था। कंलसटेंसी के कुछ अधिकारी और आर्किटेक्चर पिछले दो साल से सूरत मेडिकल कॉलेज में क्षमता बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे थे। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने ११ और १२ दिसम्बर, २०१७ में पहली बार ढाई सौ सीटें करने के लिए मेडिकल कॉलेज तथा अस्पताल का निरीक्षण किया था। उसने कैम्पस में भविष्य में क्या-क्या सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए, इस पर अधिकारियों को सुझाव दिए थे। इसके बाद १२ और १३ अप्रेल को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम निरीक्षण के लिए आई। लैक्चर रूम, लेबोरेटरी, छात्रों तथा चिकित्सकों के लिए नए होस्टल समेत दूसरी सुविधाओं की जांच करने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने सीटें बढ़ाने की अनुमति दे दी। २०१८-१९ में अब १५० के जगह २५० एमबीबीएस छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।


इस निर्णय से कॉलेज और अस्पताल में खुशी का माहौल है। मेडिकल छात्रों तथा चिकित्सकों ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्णय का स्वागत किया है। इससे आगामी दिनों में अस्पताल में मरीजों के लिए सुविधाएं बढऩे की बात भी कही गई है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत न्यू सिविल अस्पताल को दो सौ करोड़ रुपए का अनुदान मिला था। इसके अलावा गुजरात राज्य सरकार की ओर से कॉलेज और अस्पताल के अपग्रेडेशन के लिए ८० से ८५ करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस राशि को कॉलेज में सीटें बढ़ाने तथा न्यू सिविल अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने पर खर्च किया जाना था। इसमें से कितनी राशि खर्च हुई, इसका आंकड़ा प्रशासन ने नहीं बताया है।

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