अडाजण शांतिवन रॉ-हाउस निवासी अभियुक्त कुलीन किशोर भट्ट के खिलाफ वेडरोड़ शिवछाया सोसायटी निवासी दक्षेश ओझा ने कतारगाम थाने में 4.25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोप के मुताबिक दक्षेश की अभियुक्त से पहचान रवि गांधी नाम के व्यक्ति के जरिए हुई थी। कुलीन ने खुद की पहचान बड़ौदा आई.बी.पी.एस. विभाग के अधिकारी के तौर पर दी और झांसा दिया कि वह बैंक में नौकी दिलाने और सिलेक्शन का काम संभालता है। दक्षेश को भी उसने नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उससे 4.25 लाख रुपए ले लिए। बाद में ना तो उसने नौकरी दिलवाई और ना ही रुपए लौटाए। रुपए मांगने पर उसने जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान पता चला कि कुलीन ने इसी तरह 90 लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है। दक्षेश ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए अभियुक्त ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान लोकअभियोजक बी.ए.दलाल ने दलीलें पेश की और मूल शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता अश्विन जोगडिय़ा ने अभियुक्त ने अन्य लोगों के साथ की धोखाधड़ी की जानकारी हलफनामे के जरिए कोर्ट के समक्ष रखते हुए याचिका का विरोध किया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखते हुए अभियुक्त की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर कर दी।