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SURAT NEWS: राम-नाम की वन-वन जगा रहे हैं अलख

locationसूरतPublished: Feb 28, 2021 06:09:18 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

पिछले तीन माह में ही 10 हजार से ज्यादा श्रीराम व श्रीकृष्ण कथा के हो चुके हैं देशभर के वनवासी गांवों में आयोजन, श्रीहरि सत्संग समिति ने बनाई प्रतिवर्ष एक हजार वनवासी कथाकार तैयार करने की योजना

SURAT NEWS: राम-नाम की वन-वन जगा रहे हैं अलख

SURAT NEWS: राम-नाम की वन-वन जगा रहे हैं अलख

सूरत. वन-वन में जन-जन तक राम-नाम का गुणगान करने का कार्य कोरोना काल में लगातार चार हजार वनवासी कथाकार कर रहे हैं और अब उनके इस पावन धार्मिक कार्य में 2021 में एक हजार और वनवासी कथाकार जुड़ जाएंगे। ऐसी योजना श्रीहरि सत्संग समिति ने तैयार की है।
देशभर के चार लाख वनवासी जनजातीय गांवों में सनातन संस्कृति व सामाजिक समरसता को 40 करोड़ वनवासी समाज तक पहुंचाने के उद्देश्य से 25 वर्ष पहले श्रीहरि सत्संग समिति का गठन कोलकाता में किया गया था। तब से लगातार समिति एकल श्रीहरि के माध्यम से देश के एक लाख वनवासी गांवों में एकल विद्यालय के जरिए शिक्षा और संस्कृति का रसपान करोड़ों वनवासियों को करा रही है। इस अनूठे अभियान को साकार करने में समिति के द्वारा नौ माह के धार्मिक कथा व अन्य आयोजनों के प्रशिक्षण से तैयार 4 हजार वनवासी कथाकार पूरी तरह से सक्रिय है। गत तीन माह में ही इन वनवासी कथाकारों ने 10 हजार से अधिक श्रीराम व श्रीकृष्ण की जीवन लीला का वृतांत लाखों वनवासियों के समक्ष गांव-गांव जाकर प्रस्तुत किया है।
-एक ही वर्ष में तैयार होंगे एक हजार

देश की तीस फीसदी आबादी सभी राज्यों के वनवासी बहुल क्षेत्र में निवास करती है और यहां सनातन संस्कृति को जन-जन तक गहराई से पहुंचाने के लिए समिति को अभी कई वनवासी कथाकारों की आवश्यकता है। इसके लिए समिति ने वर्ष 2021 में एक हजार कथाकार तैयार करने की योजना तैयार की है और इसके लिए देशभर में 25 प्रशिक्षण केंद्र भी बनाए हैं। पहले यह केंद्र अयोध्या, वृंदावन, नडिय़ाद आदि में कुल सात ही थे। प्रत्येक केंद्र पर नौ माह के प्रशिक्षण से 50 करीब वनवासी कथाकार तैयार किए जाएंगे।
-तीर्थस्थलों का कराते हैं भ्रमण

वनवासी कथाकार बनने के लिए पहले नए अभ्यर्थी को पुराने कथाकार के साथ तीन माह तक समय व्यतीत कर रीति-नीति सीखनी पड़ती है और बाद में उन्हें नौ माह के प्रशिक्षण के लिए चयन करते हैं। प्रति माह मानदेय भी कथाकारों को मिलता है और प्रशिक्षण के दौरान यह कथाकार श्रीराम व श्रीकृष्ण के आदर्श जीवन चरित्र के अधिकांश धार्मिक केंद्रों का भ्रमण भी करते हैं। अभी तक तैयार हुए चार हजार वनवासी कथाकारों में देश के करीब 23 प्रांतों के वनवासी क्षेत्रों से हैं और वे ज्यादातर अपने क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं।
-एक लाख गांवों तक है लक्ष्य

श्रीहरि सत्संग समिति के एकल श्रीहरि के माध्यम से फिलहाल देश के 71 हजार वनवासी बहुल गांवों में सनातन संस्कृति के प्रसार के साथ-साथ संस्कार, स्वावलंबन, अधिकारों के प्रति जागरुकता, गो ग्राम योजना समेत अन्य कार्य किए जा रहे हैं। वहीं, एकल अभियान के तहत अभी तक एक लाख से ज्यादा वनवासी बहुल गांवों में एकल विद्यालय का संचालन का स्वप्न भी साकार हुआ है और अब यह सामाजिक, धार्मिक गतिविधि इन एक लाख वनवासी गांवों तक पहुंचाने की पहली प्राथमिकता इस 2021 में बनी हुई है।
-मिल रहा है व्यापक सहयोग

श्रीहरि सत्संग समिति के वनवासी सेवा के कार्यों को देशभर से व्यापक सहयोग मिल रहा है और इसमें सरकार, प्रशासन, उद्योगपति, साधु-संत, सामान्य जन के साथ वनवासियों का अपार सहयोग शामिल है।
महेश मित्तल, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, श्रीहरि सत्संग समिति

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