सूरत. अन्नपूर्णा सेवा ट्रस्ट व सेवा फाउंडेशन के सहयोग से अन्नपूर्णा सेवा रथ की शुरुआत भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के शुभ अवसर पर शुक्रवार को सूरत कपड़ा मंडी के रघुकुल टेक्सटाइल मार्केट प्रांगण में की गई है। ट्रस्ट व फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि मार्केट के कर्मचारी समेत अन्य लोगों के लिए मात्र 10 रुपए में सात्विक भोजन का प्रकल्प अन्नपूर्णा सेवा रथ कोरोना काल के बाद फिर से शुरू किया गया है और इस बार यह सेवा रघुकुल टेक्सटाइल मार्केट प्रांगण में शुरू की गई है।
चल सेवा चिकित्सा फिर शुरू
सूरत. गुरुनानक हॉस्पिटल व सेवा फाउंडेशन द्वारा संचालित चल सेवा चिकित्सा जो कोरोना के कारण बंद थी, पुन: शुरू की गई है। चल सेवा चिकित्सा की ओपीडी वेन शहर के स्लम एरिया में अपनी सेवाएं देगी, जिसका लाभ स्लम एरिया व मिलों के श्रमिकों को लाभ मिलेगा।
आषाढ़ गुप्त नवरात्र में आराधना का दौर
सूरत. आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा गुरुवार से गुप्त नवरात्र पर्व की शुरुआत सूरत समेत दक्षिण गुजरात में हो गई है। इस दौरान मंदिर, आश्रम, मठ समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर देवी उपासक नवरात्र के प्रथम दिवस महाकाली के उग्र व सौम्य स्वरूप की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाने लगी है। गुप्त नवरात्र पर्व के अवसर पर खरवरनगर के दक्षिणाभिमुखी शनि-हनुमान मंदिर आश्रम में स्वामी विजयानंदपुरी महाराज के सान्निध्य में पंचकुंडीय महायज्ञ की शुरुआत भी गुरुवार से की गई है। इस संबंध में महाराज ने बताया कि अभीष्ट सिद्धि प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्र पर्व में मां भगवती की पूजा-आराधना व यज्ञ-हवन को श्रेष्ठ माना गया है। नवरात्र के उपलक्ष में नौ दिवसीय महायज्ञ, पूजन-हवन, प्रवचन के अलावा विशेष रूप से बगलामुखी, महाविद्या, शतचंडी महायज्ञ में आहुतियों का दौर प्रतिदिन सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक और रात 8 बजे से 12 बजे तक मंत्रोच्चार के साथ चलता रहेगा।
सूरत. आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा गुरुवार से गुप्त नवरात्र पर्व की शुरुआत सूरत समेत दक्षिण गुजरात में हो गई है। इस दौरान मंदिर, आश्रम, मठ समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर देवी उपासक नवरात्र के प्रथम दिवस महाकाली के उग्र व सौम्य स्वरूप की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाने लगी है। गुप्त नवरात्र पर्व के अवसर पर खरवरनगर के दक्षिणाभिमुखी शनि-हनुमान मंदिर आश्रम में स्वामी विजयानंदपुरी महाराज के सान्निध्य में पंचकुंडीय महायज्ञ की शुरुआत भी गुरुवार से की गई है। इस संबंध में महाराज ने बताया कि अभीष्ट सिद्धि प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्र पर्व में मां भगवती की पूजा-आराधना व यज्ञ-हवन को श्रेष्ठ माना गया है। नवरात्र के उपलक्ष में नौ दिवसीय महायज्ञ, पूजन-हवन, प्रवचन के अलावा विशेष रूप से बगलामुखी, महाविद्या, शतचंडी महायज्ञ में आहुतियों का दौर प्रतिदिन सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक और रात 8 बजे से 12 बजे तक मंत्रोच्चार के साथ चलता रहेगा।