-गौ उत्पाद के प्रति बढ़ेगी जनचेतना भारतीय त्योहार व उत्सवों पर चाइना बाजार का कब्जा होता जा रहा है और ऐसे में घर-घर में पूजनीय गौमाता के उत्पाद से इकोफ्रेंडली दीए, स्टिक, रक्षासूत्र आदि का निर्माण होने से जहां स्वदेशी बाजार को बढ़ावा मिलेगा वहीं, गौ उत्पाद के प्रति भी लोगों की चेतना बढ़ेगी। यह बात प्रदर्शनी देखने आई महिला धारा मेहता समेत अन्य ने कही। उनके मुताबिक गाय और गौशाला को स्वावलंबी बनाने की दिशा में इस तरह के प्रयोगों की खासी जरूरत है।
-35 वनवासी महिलाएं सक्रिय फिलहाल गौ उत्पाद से रक्षासूत्र अर्थात राखी बनाने का कार्य कच्छ की एक गौशाला में किया जा रहा है और वहां तैयार राखियां सूरत समेत गुजरात व अन्य राज्यों में श्रावण मास के दौरान लगने वाली प्रदशर्नियों में भेजी जा रही है। गौशाला में 35 वनवासी महिलाएं गौ उत्पाद के बारीक चुर्ण से बाद में अलग-अलग आकर्षक डिजाइन के सांचों में ढालकर राखियों का रूप दे रही है। शहर में लगी एक एक्जिबिशन में यह राखियां सूरत के ही एक गौशाला संचालक ने मंगवाई है।
-ऐसे प्रयोग हो गए हैं जरूरी गाय और गौशाला को स्वावलंबी बनाने के लिए इस तरह के प्रयोग जरूरी हो गए हैं। शास्त्रों में गाय को लक्ष्मी स्वरूप में देखा गया है तो उसे समझने की भी जरूरत है। निकट भविष्य में इसी तरह के अन्य प्रयोग भी किए जाएंगे ताकि लोगों की गाय के प्रति श्रद्धाभक्ति और बढ़ें।