SURAT NEWS: खाड़ी बाढ़ रोकने की होने लगी कोशिशें
सूरतPublished: May 09, 2021 07:22:57 pm
-साढ़े छह किमी लम्बी मीठी खाड़ी की होगी ड्रेजिंग, खाड़ी के संकरे मुहाने को भी किया जा रहा है चौड़ा
SURAT NEWS: खाड़ी बाढ़ रोकने की होने लगी कोशिशें
सूरत. गत दो वर्षों से शहर के परवत पाटिया समेत कई क्षेत्रों में खाड़ी बाढ़ की आपदा हजारों-लाखों लोग भुगत चुके हैं और इस बार भी मानसून के दौरान ऐसे हालात नहीं बने, उसके प्रयास महानगरपालिका प्रशासन ने प्रारम्भ कर दिए हैं। हालांकि कोरोना महामारी की दूसरी भयावह लहर में मनपा तंत्र के यह प्रयास कितने कारगर साबित होंगे यह तो मानसून में ही पता चल पाएगा।
पिछले दो वर्षों से मानसून के दौरान थोड़ी तेज बारिश में मगोब गांव से उधना गांव तक सैकड़ों सोसायटियों खाड़ी बाढ़ की स्थिति पैदा कर रही है और इससे सोसायटियों के हजारों-लाखों लोग हैरान-परेशान हो चुके हैं। खाड़ी बाढ़ की समस्या को दूर करने के लिए क्षेत्रीय लोग लगातार महानगरपालिका प्रशासन के समक्ष मांग कर रहे हैं और गतवर्ष भी खाड़ी में मशीनें उतारकर ड्रेजिंग के नाम पर मिट्टी को इधर से उधर करने की कार्यवाही की गई थी, जिसका दुष्परिणाम मगोब, परवत पाटिया, परवत गांव, डुंभाल, मीठी खाड़ी, भाठेना, आंजना आदि क्षेत्र के हजारों-लाखों लोग तीन-चार दिन तक खाड़ी बाढ़ में घिरे रहकर भुगत चुके हैं। इस बार मानसून के दौरान खाड़ी बाढ़ की समस्या फिर से उत्पन्न ना हो, इसके लिए महानगरपालिका प्रशासन ने मगोब गांव स्थित आशीर्वाद टैक्सटाइल मार्केट से उधना गांव स्थित जीवनज्योत तक साढ़े छह किमी लम्बी खाड़ी की ड्रेजिंग करने की योजना तैयार कर ली बताई है और इससे भी अधिक जरूरी मगोब गांव में मीठी खाड़ी के शुरुआती छोर के मुहाने को चौड़ा किया गया है, ताकि मानसून में बरसाती पानी नाले से बाहर नहीं निकले। खाड़ी के मुहाने के चौड़ीकरण की कार्यवाही में फिलहाल नाले के दोनों तरफ की चौड़ाई 20 से 25 फीट बढ़ाकर मिट्टी की पाळ बनाई गई है, ताकि मानसून के दौरान खाड़ी में बहने वाला बरसाती पानी खाड़ी से बाहर नहीं निकले।
उधर, मगोब गांव स्थित आशीर्वाद टैक्सटाइल मार्केट से उधना गांव स्थित जीवनज्योत तक साढ़े छह किमी लम्बी खाड़ी की ड्रेजिंग करने की योजना बनाई गई है और इस पर 12 करोड़ की खर्च राशि भी आवंटित की गई बताई है। मीठी खाड़ी में साढ़े छह किमी की दूरी तक डेढ़-दो फीट ड्रेजिंग भी कर दी जाती है तो जल्दी से खाड़ी का जलस्तर मानसून में नहीं बढ़ पाएगा और हजारों-लाखों लोगों को खाड़ी बाढ़ की मुश्किल से निजात मिल पाएगी।