सूरत

SURAT NEWS: हिन्दी पर चिंतन-मंथन पूर्ण, अब निकलेगा भाषाई अमृत

-हिन्दी दिवस समारोह के उपलक्ष में सूरत के पं. दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम में आयोजित हुआ था दो दिवसीय सम्मेलन-देशभर से 9 हजार से ज्यादा राजभाषा अधिकारी व हिन्दी के विद्वजन सम्मेलन में आए थे भाग लेने, गुरुवार को सभी ने ली विदाई

सूरतSep 15, 2022 / 09:35 pm

Dinesh Bhardwaj

SURAT NEWS: हिन्दी पर चिंतन-मंथन पूर्ण, अब निकलेगा भाषाई अमृत

सूरत. स्थल सूरत का पं. दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम। दो दिवसीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन। देशभर के 9 हजार राजभाषा अधिकारी समेत हिन्दी के विद्वजन। उद्घाटन सत्र समेत विभिन्न विषयों पर छह सत्र। दो दर्जन से ज्यादा विद्वान वक्ता और सभी का राजभाषा हिन्दी के चिंतन-मंथन के बाद अमृत रस छलकने पर पूर्ण विश्वास। हिन्दी के चिंतकों के इस विश्वास को सम्मेलन में मजबूती तब और अधिक मिल गई जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वभाषा और राजभाषा के संयुक्त कदमताल से हिन्दी के सर्वोच्च शिखर पर जल्द पहुंचने के प्रति सभी को आश्वस्त किया।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग की ओर से हिन्दी दिवस समारोह 2022 एवं दो दिवसीय द्वितीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन गुजरात की औद्योगिक नगरी सूरत के इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया। सम्मेलन में ज्यादातर वक्ताओं ने बीति ताहि बिसार दे, आगे की सुधि ले…की चौपाई को ध्यान में रख जो पीछे इतिहास में जुडऩे से छूट गया उसे जोडक़र हिन्दी को सर्वोच्च शिखर तक ले जाने पर जोर दिया। सम्मेलन के दोनों दिन बुधवार व गुरुवार को विभिन्न सत्रों में जितनी भी सुप्रसिद्ध हस्तियों ने संवाद किया, वे सभी को खूब भाई। फिर वह बुधवार को पंकज त्रिपाठी रहे या प्रसून जोशी। इनके अलावा गुरुवार को महेश मांजरेकर और चंद्रकांत द्विवेदी। सभी ने नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ हिन्दी के बढ़ते प्रभुत्व और दुनिया के सबसे बड़े युवाओं के देश भारत के युवा वर्ग में राजभाषा के प्रति आत्मीय उत्सुकता को ना केवल स्वीकारा बल्कि इसे सुनहरे भविष्य के रूप में भी बताया। अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के अंतिम सत्र भारतीय सिनेमा और हिन्दी…विषय पर फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर ने हिन्दी सभी को जोडक़र समन्वय स्थापित करने वाली प्रमुख भाषा के रूप में बताते हुए कहा कि भारतीय सिनेमा के उत्थान में हिन्दी के लेखकों का महत्तम योगदान है। वहीं चाणक्य के रूप में देश-दुनिया में लोकप्रिय पद्मश्री फिल्म निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने गागर में सागर भरते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की महक पूरी दुनिया में फैलाने में हिन्दी का विशेष योगदान रहा है। इससे पहले सुबह महात्मा गांधी का भाषा चिंतन और राष्ट्र के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान…व भाषाई समन्वय का आधार है हिन्दी…सत्र में सभी वक्ताओं के चिंतन-मंथन में हिन्दी को जन-जन की भाषा बनाने के विभिन्न तरीके भाषाई अमृत के रूप में निकलकर आए।
-तोमर के सम्मान में खड़े हो गए श्रोता


अंतिम सत्र में हिन्दी प्रेमी शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने कहा कि विश्व स्तर पर हिन्दी भाषा की लोकप्रियता में भारतीय सिनेमा का महत्वपूर्ण भाग है। समाज की कोई भी समस्या अथवा किसी भी तरह के सकारात्मक विचार लोगों तक सर्वाधिक तीव्र गति से पहुंचाने में हिन्दी सिनेमा का अपना अनूठा स्थान है। तोमर ने अपने संबोधन के दौरान कई नामी-गिरामी हिन्दी के कवियों की काव्य पंक्तियां भी श्रोताओं को सुनाई और कहा कि सूरत महानगर इस तरह के राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के सफल आयोजनों में सक्षम है। उनकी इस बात पर इंडोर स्टेडियम में मौजूद सभी श्रोताओं ने खड़े होकर देर तक तालियां बजाई और स्टेडियम से निकलते वक्त इन्होंने सम्मेलन को लूट लिया…कहते हुए सुनाई दिए।

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