-शिखर पर ध्वजारोहण की यह है परम्परा पश्चिम दिशा में समुद्र किनारे द्वारिकानगरी में भगवान द्वारिकाधीश मंदिर के शिखर पर प्रतिदिन पांच ध्वजाएं चढ़ाई जाती है और प्रत्येक ध्वजा 52 फीट की होती है। ध्वजा के प्रायोजकों को मंदिर ट्रस्ट की तरफ से बुकिंग व बाद में रसीद में तिथि दी जाती है और फिर वे निर्धारित दिवस पर द्वारकाधीश की मंगला आरती, श्रृंगार आरती, राजभोग आरती, संध्या आरती व शयन आरती के तय समय में ध्वजा को बाजे-गाजे के साथ मंदिर ले जाते हैं। द्वारकाधीश मंदिर में ध्वज पूजा का विशेष महत्व है और शिखर पर ध्वजा की खासियत यह रहती है कि हवा की दिशा कोई भी रहे मगर ध्वजा सदैव पश्चिम से पूर्व की ओर लहराती है।
