सूरत केन्द्रीय बजट में सोना पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के कारण छोटी ज्वैलरी की खरीद पर असर पड़ रहा है। ज्वैलर्स का मानना है कि सोने की कीमत बढऩे के साथ उसकी मजदूरी भी बढने से ज्वैलरी की कीमत में ज्यादा उछाल आया है। नोटबंदी के बाद ज्वैलरी की बिक्री कम हो गई थी। हालाकि इसके बाद भी व्यापार ठीक था, लेकिन हाल में ही केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने बजेट में सोना पर इम्पोर्ट ड्यूटी 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी है। इस कारण सोने की कीमत बढी और साथ ही मजदूरी भी बढ़ जाने से ज्वैलरी की कीमत में दो प्रतिशत से ज्यादा उछाल आया है। इसका सीधा असर छोटी ज्वैलरी की बिक्री पर पड़ा है। इन्डियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के स्टैट प्रेसिडेन्ट नैनेष पच्चीगर ने बताया कि पहले प्रतिग्राम 300 से 400 रुपए मजदूरी ली जाती थी, सोने पर बढ़ी ड्यूटी के कारण वह पांच सौ रुपए के पास पहुंच गई है। इसका असर कम कीमत की ज्वैलरी की बिक्री पर पड़ी है। क्योंकि इन्हें खरीदने वाली ज्यादातर महिलाए छोटी छोटी रकम जोड़कर पूंजी जमा करती थी उनके लिए थोडी कीमत बढऩा मायने रखता है।
Home / Surat / सोने की बढ़ी कीमत के कारण व्यापार पर असर