दमकल अधिकारी प्रकाश पटेल ने बताया कि हादसा जूना भटार के आजादनगर की बालकृष्ण इंडस्ट्रियल सोसायटी में मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे हुआ। सोसायटी में मुकेश बाबू पटेल का प्लास्टिक के बैग बनाने का कारखाना है। कारखाने से सटे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की ऊपरी मंजिल पर ज्ञान गंगा हिंदी विद्यालय है। दोपहर स्कूल में करीब 150 बच्चे मौजूद थे। प्लास्टिक के कारखाने में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी का माहौल हो गया। कारखाने से सटे स्कूल तक लपटें और धुआं पहुंचता, इससे पहले दमकलकर्मी मौके पर पहुंच गए। दमकल की एक टीम आग बुझाने के प्रयास में जुट गई तो दूसरी टीम ने स्कूल के बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। दमकल अधिकारी ने बताया कि आग के कारण कारखाने में साढ़े तीन हजार टन प्लास्टिक जल गया और मशीनों को नुकसान पहुंचा। दमकल अधिकारी के मुताबिक स्कूल में फायर सेफ्टी के उपकरण नहीं थे। फायर एनओसी भी नहीं था, जिससे स्कूल को सील कर दिया गया है। गौरतलब है कि 24 मई को सरथाणा के तक्षशिला आर्केड की दूसरी मंजिल पर आग लगने के बाद चौथी मंजिल के ट्यूशन क्लासेज में कई युवक-युवतियां दम घुटने से बेहोश हो गए थे। कइयों ने जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी। इस हादसे में 22 जनों की मौत से कोहराम मच गया था
दमकल विभाग की पोल खुली
तक्षशिला अग्निकांड के बाद दमकल विभाग की ओर से शहर की ट्यूशन क्लासेज और स्कूलों में फायर सेफ्टी को लेकर जांच शुरू की गई थी। कई स्कूल और कॉलेजों को फायर सेफ्टी नहीं होने पर सील कर दिया गया था तो कइयों को नोटिस थमाया गया था, जबकि आजादनगर की ज्ञान गंगा स्कूल में किसी तरह की जांच नहीं की गई। स्कूल फायर सेफ्टी की सुविधा बिना ही चल रही थी। मंगलवार को हुए हादसे के बाद दमकल विभाग की पोल खुल गई और आनन-फानन में स्कूल को सील कर दिया गया।