scriptsurat news तक्षशिला अग्निकांड के 60वें दिन 11 अभियुक्तों के खिलाफ 4721 पन्नों की चार्जशीट पेश | surat news-Presenting charge sheet of 4721 pages against 11 accused on | Patrika News

surat news तक्षशिला अग्निकांड के 60वें दिन 11 अभियुक्तों के खिलाफ 4721 पन्नों की चार्जशीट पेश

locationसूरतPublished: Jul 22, 2019 10:47:44 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

पुलिस और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के साथ 251 गवाहों के बयान शामिल, पूरक चार्जशीट का रास्ता खुला रखा

file

surat news तक्षशिला अग्निकांड के 60वें दिन 11 अभियुक्तों के खिलाफ 4721 पन्नों की चार्जशीट पेश

सूरत.

22 जनों की जिंदगी लीलने वाले तक्षशिला अग्निकांड मामले में क्राइम ब्रांच पुलिस ने हादसे के 60वें दिन सोमवार को 11 अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी। 4721 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस, फोरेंसिक तथा इलेक्ट्रिकल जांच रिपोट्र्स के साथ 251 गवाहों के बयान शामिल किए गए हैं।
मुख्य लोकअभियोजक नयन सुखड़वाला ने बताया कि 24 मई को हुए अग्निकांड के बाद सरथाणा थाने में पुलिस ने गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था और जांच क्राइम ब्रांच पुलिस को सौंपी गई थी। क्राइम ब्रांच पुलिस ने ट्यूशन संचालक भार्गव बूटाणी, बिल्डर हरसुल वेकरिया और जिज्ञेश पाघड़ाल को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में दमकल अधिकारी एस.के.आचार्य और कीर्ति मोढ़ को गिरफ्तार किया गया। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी तो खुलासा हुआ कि तक्षशिला आर्केड के जिस हिस्से में आग लगी थी, वह हिस्सा ही अवैध था। मनपा और बिजली कंपनी की लापरवाही भी सामने आई तो पुलिस ने मनपा के कार्यपालक इंजीनियर पी.डी.मुंशी, एक्जिक्यूटिव इंजीनियर जे.आर.सोलंकी, डिप्टी इंजीनियर विनु परमार, बिजली कंपनी के नायब अभियंता दीपक नायक, बिल्डर रविन्द्र कहार तथा सवजी पाघडाल को गिरफ्तार कर लिया था। जांच के दौरान कुल 11 अभियुक्तों की गिरफ्तार किया गया। घटनास्थल पर फोरेंसिक तथा इलेक्ट्रिकल जांच करवाई गई थी। 251 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जो अभियुक्तों की लापरवाही को साबित कर सकें। मामला दर्ज होने के 60वें दिन क्राइम ब्रांच पुलिस ने जांच पूरी करते हुए 11 अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में 4721 पन्नों की चार्जशीट पेश कर दी।
इन धाराओं के तहत आरोप
तक्षशिला अग्निकांड के बाद सरथाणा पुलिस ने ट्यूशन संचालक भार्गव बूटाणी, बिल्डर हरसुल वेकरिया और जिज्ञेश पाघड़ाल को प्राथमिकी में नामजद कर आइपीसी की धारा 304,308 और 114 के तहत मामला दर्ज किया था। इन्हीं धाराओं के तहत पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट में आरोप लगाए हैं।
मुख्य अभियुक्त और उन पर लगे आरोप
एस.के.आचार्य, फायर ऑफिसर
आर्केड में दमकल के सुरक्षा उपकरण हैं या नहीं, इसकी जांच कर फायर विभाग की ओर से एनओसी देने की कार्रवाई करनी थी, जो नहीं की और हादसा हुआ।
कीर्ति मोढ़, फायर ऑफिसर
हादसे की सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर देर से पहुंचे। बचाव के लिए पर्याप्त साधन साथ नहीं थे। आर्केड में सुरक्षा के उपायों की जांच नहीं की।
पी.डी.मुंशी, कार्यपालक इंजीनियर
बिल्डर रविन्द्र ने नियमानुसार विभाग से अनुमति नहीं लेकर आर्केड का निर्माण किया। वराछा जोन के तत्कालीन कार्यपालक इंजीनियर मुंशी ने अनाधिकृत निर्माण प्लान के अनुरूप नहीं होने के बावजूद इम्पैक्ट फीस के तहत मंजूरी दी।
जे.आर.सोलंकी, एक्जिक्यूटिव इंजीनियर
वराछा जोन के तत्कालीन एक्जीक्यूटिव इंजीनियर सोलंकी ने इमारत का प्लान और स्थिति सुसंगत नहीं होने के बावजूद बिना जांच सीओआर (सर्टिफिकेट ऑफ रेग्युलाइजेशन) जारी किया।
विनु परमार, डिप्टी इंजीनियर
तक्षशिला आर्केड में अवैध डोम के निर्माण के वक्त विनु परमार वराछा जोन में तैनात थे। अवैध निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी उनकी थी, लेकिन उन्होंने इम्पैक्ट फीस के लिए सीओआर (सॢटफिकेट ऑफ रेग्युलाइजेशन) जारी किया।
दीपक नायक, नायब अभियंता, बिजली कंपनी
डीजीवीसीएल के नायब इंजीनियर नायक ने ट्रांसफार्मर, फ्यूज, ग्राहक की विद्युत मांग और उपयोग की जांच नहीं की। आग लगने के बाद विद्युत कनेक्शन बंद करने में लंबा समय लगाया।
भार्गव बूटाणी, ट्यूशन संचालक
तक्षशिला अग्निकांड के डोम में किसी भी वक्त हादसा हो सकता है, यह जानते हुए भी सुरक्षा के लिए किसी तरह के उपाय नहीं किए। एग्जिट के लिए दूसरा रास्ता नहीं बनवाया।
हरसुल वेकरिया, रविन्द्र कहार, जिज्ञेश पाघड़ाल, सवजी पाघड़ाल (बिल्डर)
चारों बिल्डरों पर आरोप है कि उन्होंने मनपा के मंजूर प्लान के मुताबिक निर्माण कार्य करने के बाद तीसरी मंजिल और उसके ऊपर अवैध तरीके से डोम का निर्माण किया। बाद में मनपा के अधिकारियों के मिलकर इम्पैक्ट फीस कानून के तहत इस अवैध निर्माण को वैध करवा लिया। आर्केड में किसी तरह की फायर सेफ्टी की सुविधा नहीं थी। डोम के निर्माण के लिए दूसरे छोर की सीढ़ी बंद कर दी।
सीआरपीसी की धारा के तहत जांच जारी
पुलिस ने भले गिरफ्तार 11 अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी हो, लेकिन इस मामले में तीन अभियुक्त वांछित हैं, जिसे लेकर पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत जांच जारी रखने के साथ बाद में पूरक चार्जशीट पेश करने की मार्ग खुला रखा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो