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SURAT NEWS- सुनो व्यापारियों, सिर्फ साड़ी और डेस बनाने से नहीं चलेगा काम !!!!

locationसूरतPublished: Oct 20, 2019 08:59:20 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

कपड़ा उद्योग को साड़ी और ड्रेस के सिवाय भी सोचना पड़ेगा विकल्प

SURAT NEWS- सुनो व्यापारियों, सिर्फ साड़ी और डेस बनाने से नहीं चलेगा काम !!!!

SURAT NEWS- सुनो व्यापारियों, सिर्फ साड़ी और डेस बनाने से नहीं चलेगा काम !!!!

सूरत
पिछले कुछ समय से लगातार मंदी-मंदी की शिकायत करने वाले कपड़ा उद्यमियों को साड़ी और ड्रेस मटीरियल्स के सिवाय गारमेन्ट और टैक्निकल टैक्सटाइल के लिए भी विचार करना चाहिए। बदलते फैशन के साथ भी यदि सूरत के कपड़ा उद्यमियों ने अपना मार्ग नहीं बदला तो यह मंदी व्यापार उद्योग के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
सूरत के कपड़ा उद्यमी नोटबंदी और जीएसटी के बाद से लगातार व्यापार घटने और मंदी की बात कर रहे हैं। ज्यादातर व्यापारियों का मानना है कि मंदी का कारण रिटेल बाजार नहीं चल पाना है। इसके लिए वह नोटबंदी और कुछ हद तक जीएसटी को भी जिम्मेदार मान रहे हैं। कुछ हद तक उनकी बात सच भी हो सकती है, लेकिन एक बड़ा सच यह भी है कि लोगों की पसंद बदली है और महिलाओं के पहनावे में भी परिवर्तन आया है। पहले सूरत के पॉलिएस्टर ड्रेस की डिमांड ज्यादा रहती थी, इसके मुकाबले अब कॉटन ड्रेस की मांग बढ़़ी है। इससे भी आगे कहें तो ड्रेस को छोड़कर अब महिलाओं ने कुर्ती, गाउन, लेगिन्स आदि पसंद करना शुरू किया है। इसका सीधा असर सूरत के ड्रेस व्यापार पर पड़ा है। ड्रेस के स्थान पर कुर्ती और लेगिन्स व जिन्स का उपयोग शुरू होने से कपड़ों की डिमांड घट गई है।
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इसी तरह से साड़ी की डिमांड में भी लगातार कमी आ रही है। बदलते समय के साथ जो व्यापारी अपने आप को बदल रहे हैं वह तो समय के बहाव के साथ आगे बढ़ गए हैं लेकिन अभी भी कपड़़ा व्यापार से जुड़़े 95 प्रतिशत व्यापारी सिर्फ साड़ी और ड्रेस के भरोंसे अपनी नाव पार करने की राह देख रहे हैं।
SURAT NEWS- सुनो व्यापारियों, सिर्फ साड़ी और डेस बनाने से नहीं चलेगा काम !!!!
आश्चर्य की बात तो यह है कि देशभर में गारमेन्ट इन्डस्ट्री के लिए आवश्यक कपड़ा सूरत से ही जाता है, लेकिन इसके बावजूद सूरत में रेडीमेड गारमेन्ट के नाम पर अभी भी बहुत बड़ा अवकाश हैं।
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केन्द्र सरकार की ओर से बार-बार सूरत सहित देशभर के कपड़ा उद्यमियों को टैक्निकल टैक्सटाइल और गारमेन्ट के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन अभी सूरत के उद्यमी इसके प्रति कम जागृत हैं।
बदलाव ही विकल्प
समय के साथ महिलाओं के फैशन में परिवर्तन आ रहा है। साड़ी और ड्रेस के स्थान पर कुर्ती, गाउन्स ,लेगिन्स सहित अन्य रेडीमेड गारमेन्ट का विकल्प बढ़ रहा है। सूरत के उद्यमियों को भी मंदी से उभरने के लिए नई दिशा में सोचना होगा।
सावर प्रसाद बुधिया, प्रमुख, साउथ गुजरात टैक्सटाइल ट्रेडर एसोसिएशन
बदल रही है फैशन
नई पीढी के साथ फैशन में परिवर्तन आ रहा है। लोगों की इच्छा के अनुसार जो उत्पादन करेगा वह आगे बढ़ पाएगा। सूरत के उद्यमियों को भी नए क्रिएशन करने होगें। आने वाला समय क्रिएशन करने वालों को होगा।
बृजमोहन अग्रवाल, व्यापारी
टैक्सटाइल सेक्टर में अनंत संभावनाए
टैक्सटाइल सेक्टर साड़ी, ड्रेस और गारमेन्ट तक ही सिमित नहीं हैं। बल्कि इसमें उद्यमियों के लिए अपार संभावनाए हैं। नो प्लास्टिक मिशन के बाद प्लास्टिक का विकल्प सिर्फ कपड़ा है। इसके अलावा सड़क की कार से लेकर विमान तक में कपड़ा इस्तेमाल होता है। उद्यमियों को नया सोचना चाहिए
संजय सरावगी, कपड़ा उद्यमी