सूरत

SURAT NEWS: धर्मनगरी में नहीं बह पाएगी धर्म, अध्यात्म और भक्ति की त्रिवेणी

-प्रतिवर्ष धनुर्मलमास के दौरान होते थे दर्जनों धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन, कोरोना महामारी के कारण नहीं बन पाई ऐसी कोई भी योजना इस बार
 

सूरतDec 04, 2020 / 09:04 pm

Dinesh Bhardwaj

SURAT NEWS: धर्मनगरी में नहीं बह पाएगी धर्म, अध्यात्म और भक्ति की त्रिवेणी

सूरत. धर्मनगरी सूरत में शायद यह पहला धनुर्मलमास ऐसा आएगा जिसमें शहर के किसी भी कोने में धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन नहीं हो रहे होंगे। कोरोना महामारी की वजह से चातुर्मास, पुरुषोत्तम मास के बाद इस वर्ष धनुर्मलमास भी बगैर धार्मिक आयोजनों के ही बीत जाएगा। धनुर्मलमास की शुरुआत 16 दिसम्बर से होगी।
प्रत्येक वर्ष शहर में धनुर्मलमास के दौरान धर्म, अध्यात्म व भक्ति की त्रिवेणी श्रेणीबद्ध आयोजित धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों के दौरान बहती रही है। आगामी 16 दिसम्बर से प्रारम्भ हो रहे धनुर्मलमास के दौरान गत वर्ष तक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह, श्रीरामकथा, भजन संध्या समेत कई धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन होते रहे हैं। इन आयोजनों के लिए विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं की तैयारियां भी दिसम्बर की शुरुआत से ही होने लगती थी, लेकिन इस बार ऐसी किसी तरह के आयोजन व तैयारियां शहर में देखने को नहीं मिल रही है। कोरोना की वजह से पूर्व निर्धारित धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन भी काफी समय पहले ही स्थगित कर दिए गए हैं। कोरोना महामारी के प्रभाव के कारण इस वर्ष मार्च से ही लगातार सामूहिक रूप में मनाए जाने वाले उत्सव-त्योहार टाल दिए गए हैं और अब यह टलने वाला सिलसिला धनुर्मलमास के दौरान आयोजित होने वाले धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों पर भी जारी है।
-वृश्चिक राशि से धनु में प्रवेश

इस वर्ष 16 दिसम्बर से सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेगा और धर्नुमलमास की शुरुआत होगी जो कि आगामी 15 जनवरी तक रहेगी। धनुर्मलमास हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी तक रहता है, लेकिन इस बार मकर संक्रांति भी 15 जनवरी की होने से धनुर्मलमास भी 15 जनवरी तक रहेगा। इस दौरान ज्योतिष मत में मांगलिक कार्य बाधित रहेंगे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से मांगलिक कार्यक्रमों के साथ-साथ धनुर्मलमास में धार्मिक व सामाजिक आयोजन भी बंद रहेंगे।
-सावों पर भी लग जाएगी रोक

देवउठनी एकादशी 25 नवम्बर से प्रारम्भ हुए सावों पर धनुर्मलमास की शुरुआत से ही रोक लग जाएगी और यह रोक लम्बी अवधि तक प्रभावी रहेगी। धनुर्मलमास तो मकर संक्रांति 15 जनवरी को समाप्त हो जाएगा, लेकिन इसके बाद 19 जनवरी से 11 फरवरी तक गुरु अस्त रहेगा और इसके उदय होने के दस दिन बाद ही 21 फरवरी को शुक्र अस्त हो जाएगा। इस अवधि के बीच शुभ प्रसंगों के आयोजन नहीं हो पाएंगे। हालांकि 15 व 16 फरवरी के दो सावे अवश्य मांगलिक कार्यक्रमों के लिए रहेंगे।
-चलता था भक्ति-सत्संग का निरंतर दौर

धनुर्मलमास के दौरान शहर में कई धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं के वार्षिक उत्सव और उनके उपलक्ष में श्रीश्याम भजन संध्या, श्रीसालासर हनुमान भजन संध्या के आयोजन तय रहते थे। इनके अलावा गौ सेवार्थ भी श्रीमद्भागवत कथा, श्रीराम कथा आदि के धार्मिक आयोजन होते थे। वहीं, इस दौर में पंचकुंडीय, ग्यारह कुंडीय महायज्ञ के आयोजन भी साधु-संतों के सानिध्य में धर्मनगरी सूरत में धनुर्मलमास के दौरान किए जाते थे जो कि इस बार कहीं पर भी नहीं किए जा रहे हैं।
-मौजूदा परिस्थितियां ही कुछ ऐसी

कोरोना महामारी से मौजूदा समय में परिस्थितियां ही कुछ ऐसी निर्माण है अन्यथा धार्मिक प्रभाव के धनुर्मलमास में सूरत नगरी का पूरा वातावरण धर्ममय बना रहता है। समय के साथ स्थिति में फिर परिवर्तन होगा, लेकिन फिलहाल तो सबकुछ रुका हुआ ही है।
स्वामी विजयानंद महाराज, महंत, श्रीदक्षिणाभिमुखी शनि-हनुमान मंदिर आश्रम, सूरत

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