-बेहद उपयोगी है पीएसए प्लांट
40 लाख से सवा करोड़ तक की लागत वाले इस प्लांट में प्रेशर स्विंग एड्जॉर्बशन याने पीएसए टैक्नोलॉजी काम करती है। उच्च दबाव में गैस सॉलिड सरफेस की तरफ आकर्षित होकर एडजॉर्ब हो जाती है। पीएसए प्लांट में हवा से ही ऑक्सीजन बनाने की अनूठी तकनीक है। इसके एक चेम्बर में कुछ एडजॉर्बेट डालकर उसमें से हवा पास की जाती है और बाद में हवा में से नाइट्रोजन एडजॉर्बेट से चिपककर अलग हो जाती है और ऑक्सीजन बाहर निकल जाती है। इस कान्सेट्रेट ऑक्सीजन की ही अस्पताल को आपूर्ति की जाती है।
-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भी भेजा
गत दिनों ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने पार्टी के सभी सांसद, विधायक व पदाधिकारियों से कोविड केयर सेंटर संचालित किए जाने की बात कही थी और गुजरात में 20 हजार से अधिक बेड के सेंटर संचालित भी हो गए हैं। पीएसए प्लांट में एक वर्ष की ग्रांट व छह माह का वेतन देने का सहमति पत्र पार्षद विजय चौमाल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पाटिल को भी भेजा है, ताकि अन्य साथी पार्षदों के सहयोग से प्लांट की लागत को आसानी से वहन किया जा सकें।
-चिकित्सकों ने सुझाया रास्ता
स्मीमेर होस्पीटल में सेवाकार्य के दौरान चिकित्सक व अन्य मित्रों ने पीएसए प्लांट लगाए जाने की जानकारी दी और इससे कोरोना मरीजों के लाभ के बारे में जानने के बाद तत्काल यह निर्णय किया है।
विजय चौमाल, उपाध्यक्ष, आरोग्य समिति मनपा