प्रकरण के अनुसार शहर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को 13 अगस्त, 2017 को मुखबिर से सूचना मिली थी कि तीन युवक मोपेड पर उधना दरवाजा होकर मजूरा गेट की ओर जाने वाले हैं और उनके पास जाली नोट है। सूचना के आधार पर पुलिस ने उधना दरवाजा के पास निगरानी रख आरोपी पाल एसएमसी आवास निवासी अजयकुमार हसमुख पटेल, नवागाम-डिंडोली की महादेवनगर सोसायटी निवासी बाबूलाल उर्फ बबलू महादेव वानखेडे और चौक बाजार होडी बंगला क्षेत्र निवासी वासू उफ4 बंगाली काशिनाथ कर्मकर को धर -दबोचा था। तलाशी लेने पर तीनों के पास से 500 रुपए के 1906 जाली नोट और 2000 रुपए के 791 जाली नोट मिलाकर कुल 25,35,000 लाख रुपए के जाली नोट बरामद हुए थे। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों की पूछताछ में जाली नोट रवि गांधी नाम के व्यक्ति ने दिए होने का खुलासा होने के बाद पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। चारों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के बाद से मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोकअभियोजक राजेश डोबरिया आरोपों को साबित करने में सफल रहे। गुरुवार को अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने चारों आरोपियों को आइपीसी की धारा 489(क)(ग)(घ), 144 के तहत दोषी मानते हुए आरोपी रवि अशोक गांधी को छह साल की कैद और 15 हजार रुपए अर्थदंड तथा अन्य तीन आरोपी अजयकुमार पटेल, बाबूलाल वानखेडे और वासू उर्फ बंगाली कर्मकर को तीन-तीन साल की कैद और दस-दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।