सूरत समेत दक्षिण गुजरात में मंगलवार को आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने की पौराणिक परम्परा का निर्वाह किया गया।
तापी किनारे आश्रम, मठ, मंदिर, देवालय आदि स्थलों पर सुबह से गुरुभक्ति की गंगा बहती रही। पर्व मनाने के लिए कई धार्मिक और स्वयंसेवी संस्थाएं सक्रिय रहीं।
गुरु पूजन, गुरु दीक्षा, सत्संग-प्रवचन, भजन-कीर्तन, भंडारे आदि के आयोजन किए गए।