मूलतः बिहार के आंधी गांव निवासी बिरमनी पांडेय नवसारी बाजार के मंदिर में पुजारी था। उसके खिलाफ 14 फरवरी, 2018 को अठवा थाने में बच्चों के साथ अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध बनाने और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत शिकायत दर्ज हुई थी। आरोप के मुताबिक, पुजारी बिरमनी मंदिर के आसपास रहने वाले करीब 10 वर्ष की उम्र के तीन बच्चों को चॉकलेट देकर मंदिर में बुलाता और मंदिर के हॉल में ले जाकर उनके साथ यौन दुराचार करता था। मामला सामने आने के बाद बच्चों के अभिभावकों ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने पुजारी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 377 तथा पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। तब से मामले की सुनवाई पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक राजेश डोबरिया आरोपों को साबित करने में सफल रहे। गुरुवार को हुई अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी पुजारी बिरमनी पांडेय को दोषी मानते हुए 14 साल की कैद और पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।