scriptसूरत के 18 दिल धडक़ रहे हैं देश के अलग-अलग कोनों के लोगों में | Surat's 18 hearts are stuck in people of different corners | Patrika News

सूरत के 18 दिल धडक़ रहे हैं देश के अलग-अलग कोनों के लोगों में

locationसूरतPublished: Sep 02, 2018 08:57:46 pm

सूरत ने अंगदान में अलग पहचान बनाई है। देश में ब्रेन डेड मरीजों के परिजनों द्वारा अंगदान में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अभी लम्बा सफर…

Surat's 18 hearts

Surat’s 18 hearts

सूरत।सूरत ने अंगदान में अलग पहचान बनाई है। देश में ब्रेन डेड मरीजों के परिजनों द्वारा अंगदान में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अभी लम्बा सफर बाकी है। हर साल १३ अगस्त को आम लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अंगदान दिवस मनाया जाता है। अंगदान से किसी को नया जीवन मिल सकता है। डोनेट लाइफ संस्था ने सूरत से अब तक २६९ किडनी, १०९ लीवर, ६ पेन्क्रीयाज, १८ हृदय और २२६ चक्षुओं का दान लेकर ६२५ लोगों को नया जीवन दिया है।

डोनेट लाइफ के प्रमुख नीलेश मांडलेवाला ने बताया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक अंग खराब होने की वजह से हर साल 5 लाख से ज्यादा भारतीयों की मौत होती है। अंगदान करने वाला व्यक्ति अंग ट्रांसप्लांट करवाने वाले व्यक्ति के जीवन में ईश्वर की भूमिका निभाता है। एक व्यक्ति का अंगदान 8 से ज्यादा जीवन बचा सकता है। किडनी, कलेजा, अस्थि मज्जा, हृदय, फेफड़ा, कॉरनिया, पाचक ग्रंथि, आंत सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किए जा सकते हैं। इम्यूनो-सप्रेसिव ड्रग्स की वजह से अंग ट्रांसप्लांट और दान करने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक होती है।

नई तकनीक और उपचार के विकास की वजह से अंग ट्रांसप्लांट की जरूरत लगातार बढ़ रही है। देश में बीस लाख किडनी मरीज हैं। हर साल दो लाख और मरीज इसमें जुड़ रहे हंै। इसी तरह लीवर के 85 हजार, हृदय के 50 हजार, कॉरनिया के एक लाख मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। इनके मुकाबले देश में अंगदान का प्रतिशत एक फीसदी से भी कम है। दस राज्य और दो केन्द्र शासित प्रदेश अंगदान में एक्टिव हैं। तमिलनाडु वर्ष २०१६ में अंगदान में अव्वल रहा। इसके बाद महाराष्ट्र, केरल, कनार्टक, तेलंगाना और गुजरात का नंबर था।

उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गोवा और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के राज्यों में अंगदान के प्रति जागरुकता कम है। देश में सबसे अधिक ब्रेन डेड के मामले सडक़ दुर्घटनाओं में सामने आते हैं। पिछले पांच साल में अंगदान बढ़ा है, फिर भी डिमांड और सप्लाई में काफी अंतर है।

यह अंग किए जा सकते हैं दान

किडनी, फेफड़ा, हृदय, आंख, कलेजा, पाचक ग्रंथि, आंख की पुतली की रक्षा करने वाला सफेद सख्त भाग, आंत, त्वचा उत्तक, अस्थि उत्तक, हृदय छिद्र, नसें।

अंगदान के बारे में भ्रम

कम जानकारी और जागरुकता की कमी के कारण अंगदान को लेकर लोगों में भ्रम और भय है। ज्यादातर लोगों में अंगदान को लेकर जागरुकता नहीं है। अंगदान में कौन-सा अंग कब दान कर सकते हैं, इसके लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करवाएं, लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती। कई लोग अफवाहों या पारिवारिक दबाव की वजह से अंगदान के लिए स्वतंत्र इच्छा नहीं दिखाते।

अंगदान दिवस मनाने का मकसद
अंगदान की आवश्यकता के बारे में जनता तक बात पहुंचाना।
अंगदान से जुड़ी अफवाह, भ्रम तथा हिचकिचाहट को दूर करना।
अंगदान के संदेश को पूरे देश में फैलाना।
अंगदान करने वाले परिवारों को सम्मानित करना।
अंगदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना।

किसी उम्र के कौन-सा अंगदान

किडनी, लीवर 70 साल तक
हृदय, फेफड़े 50 साल तक
अग्नाशय, आंत 60-65 साल तक
कॉर्निया, त्वचा 100 साल तक
हृदय वॉल्व 50 साल तक
हड्डी 70 साल तक

अंगदान महादान

एक व्यक्ति एक किडनी दान कर सकता है (दूसरी किडनी सक्षम होनी चाहिए)। अग्नाशय का हिस्सा(आधा हिस्सा अग्नाशय के कार्यों के लिए पर्याप्त है) और यकृत का हिस्सा भी दान किया जा सकता है। मौत के बाद व्यक्ति के कई अंगों और उत्तकों का दान किया जा सकता है। यह अंग अन्य व्यक्ति के शरीर में जीवित बने रहते हैं। मृतक के अंगदान के लिए उसके निकट संबंधियों की सहमति आवश्यक है।

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