जानकारी के अनुसार वापी में रोजाना करीब 50 टन से अधिक कचरा निकलता है। करीब आठ साल से सफाई का ठेका मुंबई की गुरुजी कंस्ट्रक्शन के पास था। शुरूआत में यह ठेका ढाई करोड़ का था, जिसे बाद में साढ़े चार करोड़ रुपए सालाना कर दिया गया था। हाल तक इसी दर पर कंपनी क्षेत्र में सफाई का काम करती थी। कंपनी ने वापी पूर्व क्षेत्र में 117 और पश्चिम क्षेत्र में 110 सफाई कर्मियों को इस काम में लगा रखा था, लेकिन सफाई न होने की शिकायतें लगातार मिलती रहती थी। इस वजह से इस बार नई कंपनी को सफाई का ठेका देने के लिए नया टेंडर किया था।
सामने आ रहा है कि नई कंपनी द्वारा सिर्फ सौ कर्मचारियों को लगाया जाएगा। सफाई का ठेका सालाना साढ़े चार करोड़ से बढकर 6.86 करोड़ पहुंच गया है, लेकिन इसमें गटर की सफाई न करने की शर्त से विवाद की स्थिति बन रही है। इसके अलावा नए ठेके में तीन साल के बाद पांच प्रतिशत की राशि बढ़ाने की शर्त भी शामिल है और हर तीन साल में यह ठेका रिन्यू होगा।
सामने आ रहा है कि नई कंपनी द्वारा सिर्फ सौ कर्मचारियों को लगाया जाएगा। सफाई का ठेका सालाना साढ़े चार करोड़ से बढकर 6.86 करोड़ पहुंच गया है, लेकिन इसमें गटर की सफाई न करने की शर्त से विवाद की स्थिति बन रही है। इसके अलावा नए ठेके में तीन साल के बाद पांच प्रतिशत की राशि बढ़ाने की शर्त भी शामिल है और हर तीन साल में यह ठेका रिन्यू होगा।
सफाई के नाम पर रुपयों की बर्बादी नपा द्वारा सफाई के नाम पर करीब एक दशक से करोड़ों रुपए की बर्बादी हो रही है। सफाई के नाम पर खानपूर्ति ही चल रही है। आज भी हमारे घर के सामने की सडक़ पर कूड़ा और गंदगी की समस्या जस की तस है। शहर में कई जगहों पर यही हालत है।
अनिल देसाई, स्थानीय निवासी
अनिल देसाई, स्थानीय निवासी