सूरत के कपड़़ा उद्यमी बनाने लगे दूसरे राज्यों की तर्ज पर कपड़े
सूरत के उद्यमियों ने बनारस की तर्ज पर कॉटन लूक वाली साडी बनाई थी। अब बिहार के भागलपुर की तरह कॉटन-लिनन कपड़ो पर आधारित साडी बनाई

सूरत
रोज नया क्रिएशन करने में कुशल सूरत के कपड़ा उद्यमी आए दिनों नए प्रयोग करते रहते हैं। कुछ दिनों पहले सूरत के उद्यमियों ने बनारस की तर्ज पर कॉटन लूक वाली साडी बनाई थी। अब सूरत के उद्यमियों ने बिहार के भागलपुर की तरह कॉटन-लिनन कपड़ो पर आधारित साडी बनाई है।
भागलपुर के तर्ज पर बनाई साडी
सूरत के कपड़ा उद्यमियों ने कुछ समय पहले ही मउ और बनारस मे तैयार होने वाली हैन्डलूम साडियों का डोप डाइड यार्न की मदद से सूरत के व्यापारी धड़ल्ले से उत्पादन शुरु किया है। अब वह भागलपुर और बनारस तथा पूर्व उत्तर प्रदेश और बिहार में तैयार होने वाली हैन्डलूम की सिल्क वाली साडियों की तर्ज पर कॉटन लिनन की साडियां तैयार कर रहे हैं। कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि इसका ग्रे सूरत में भी बनता है और भिवंडी से भी आता है। भागलपुर तथा बनारस में इसका कम उत्पादन होता है जबकि सूरत में नई टैक्नोलॉजी की मदद से उत्पादन होने के कारण बड़े पैमाने पर और कम कीमत पर उत्पादन होता है। भागलपुर में बनने वाली लिनन साडियों की औसतन कीमत 1100 रुपए से शुरू होती है लेकिन सूरत के उद्यमी 400 रुपए में साड़ी बना देते हैं। इसके ग्रे की कीमत 25 रुपए प्रति मीटर से शुरू होती है।

बनारसी लुक वाली साड़ी भी तैयार
बनारसी जेकॉर्ड कपड़ा बनारस के हस्त उद्योग से मिलता जुलता है। वहां बहुत कम पैमाने पर यह कपड़े बनते है, लेकिन सूरत में टैक्नोलॉजी वाली अत्याधुनिक मशीनें होने के कारण वैसे ही लूक वाला कपड़ा जेकॉर्ड की मशीनों पर सरलता से बड़े पैमाने पर बन जाता है। बनारसी जेकॉर्ड पॉलिएस्टर, विस्कोस आदि यार्न पर बनाया जाता है। इसमें जरी भी इस्तेमाल की जाती है। बनारसी जेकॉर्ड कपड़ो की कीमत 75 रुपए से 150 रुपए प्रति मीटर होती है। इसका लूक सिल्क कपड़ो की तरह होता है। फिलहाल बाजार में इसकी डिमांड है। व्यापारियों का कहना है कि बनारस में इस प्रकार के कपड़ो का उत्पादन कम होता है जबकि सूरत में हाइ टैक्नोलॉजी की मशीने होने के कारण बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है जो कि वहां की अपेक्षा कम कीमत में होता है।
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