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फीस नहीं भरी तो नहीं दिखेगा परीक्षा परिणाम

locationसूरतPublished: Feb 10, 2018 12:06:12 pm

स्कूलों ने अभिभावकों को जारी किया चेतावनी भरा परिपत्र

patrika photo
सूरत. स्कूल फीस का मामला सुलझा नहीं है। शहर की कई स्कूलों ने परीक्षा से पहले अभिभावकों के नाम परिपत्र जारी किया है। इसमें चेतावनी दी गई है कि उन्होंने शेष फीस जमा नहीं करवाई तो परीक्षा के बाद विद्यार्थी का परिणाम नहीं दिखाया जाएगा। परिपत्र ने अभिभावकों को चिंता में डाल दिया है।
शैक्षणिक सत्र मार्च-अप्रेल में वार्षिक परीक्षा के साथ पूर्ण हो जाएगा, लेकिन फीस का विवाद हल बरकरार है। फीस का मामला पहले हाई कोर्ट और वहां से सुप्रीम कोर्ट में गया। अभिभावकों ने लग रहा था कि उनकी समस्या हल हो जाएगी। उन्हें अतिरिक्त फीस नहीं भरनी पड़ेगी, लेकिन शेष फीस भरने के लिए स्कूल उन्हें मजबूर कर रहे हैं। शहर के कई स्कूलों ने परीक्षा से ठीक पहले परिपत्र जारी कर चेतावनी दी है कि अभिभावकों को परीक्षा से पहले शेष फीस भरनी है। फीस नहीं भरने पर उन्हें बच्चे का परिणाम नहीं दिखाया जाएगा। साथ ही, अगर वह स्कूल छोडऩा चाहें तो उन्हें लीविंग सर्टिफिकेट भी नहीं दिया जाएगा।
फीस नहीं भरी तो होगी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद स्कूलों की फीस का मसला कायम है। शहर के स्कूलों की ओर से अभिभावकों पर अब प्रोविजनल फीस को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। स्कूल संचालकों का कहना है कि उनकी ओर से जो फीस पहले तय की गई थी, वही प्रोविजनल फीस है। इसलिए सभी को फीस अनिवार्य रूप से चुकानी होगी। ऐसा नहीं होने पर विद्यार्थियों पर कार्रवाई की जाएगी। सभी अभिभावकों को फरवरी के अंत तक फीस भरने को कहा गया है।
अभिभावकों पर भार नहीं घटा
अभिभावकों को लगा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन समस्या जस की तस है। स्कूल संचालकों का कहना है कि सरकार की ओर से प्रोविजनल फीस की कोई रूपरेखा तैयार नहीं है। सरकार की ओर से स्कूल संचालकों को इस मामले में कोई आदेश भी नहीं मिला है। इसलिए उनकी तय फीस ही प्रोविजनल फीस है, जो अनिवार्य रूप से जमा करनी पड़ेगी। फीस के मामले को लेकर शहर की कई निजी स्कूलों के सामने अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। बार-बार संचालकों के खिलाफ जिला शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री से शिकायत की गई, लेकिन फीस में किसी तरह की कमी नहीं आई है। किसी स्कूल ने अतिरिक्त फीस वापस करने की घोषणा भी नहीं की है। अभिभावकों का कहना है कि उनकी लड़ाई का कोई परिणाम नहीं निकला। स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं।

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