scriptSurat/ राज्य में सबसे तेज फैसला: बच्ची से बलात्कार के आरोपी के खिलाफ सिर्फ पांच दिन में कोर्ट में ट्रायल पूरा, अंतिम सांस तक की कैद | Surat Situation has been dealt with at the fastest speed | Patrika News

Surat/ राज्य में सबसे तेज फैसला: बच्ची से बलात्कार के आरोपी के खिलाफ सिर्फ पांच दिन में कोर्ट में ट्रायल पूरा, अंतिम सांस तक की कैद

locationसूरतPublished: Nov 12, 2021 07:58:22 pm

सचिन जीआइडीसी में 12 अक्टूबर को हुई थी वारदात, पुलिस ने भी दस दिन में जांच पूरी कर कोर्ट में पेश की थी चार्जशीट

Surat/ राज्य में सबसे तेज फैसला: बच्ची से बलात्कार के आरोपी के खिलाफ सिर्फ पांच दिन में कोर्ट में ट्रायल पूरा, अंतिम सांस तक की कैद

Hanuman Nishad

सूरत. राज्य में इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी मासूम बच्ची से बलात्कार के आरोपी के खिलाफ कोर्ट ने सिर्फ पांच दिन में ही सुनवाई पूरी कर आरोपी को सजा सुनाई गई हो। सूरत के सचिन जीआइडीसी क्षेत्र में 12 अक्टूबर को पांच साल की बच्ची का अपहरण कर बलात्कार करने के मामले में 39 वर्षीय आरोपी को सूरत की पॉक्सो एक्ट के मामलों की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए अंतिम सांस तक की कैद और एक लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सचिन जीआइडीसी की मधुभाई मारवाड़ी की चॉल निवासी आरोपी हनुमान उर्फ अजय मांगी निषाद पर आरोप था कि उसने 12 अक्टूबर, 2021 को पांच साल की बच्ची को ज्यूस पिलाने की लालच देकर उसका अपहरण किया और बाद में झाडिय़ों में ले जाकर बच्ची से बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या की कोशिश की। पुलिस ने भी रिकॉर्ड समय यानी दस दिन में ही जांच पूरी कर आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी थी। इसके बाद 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर और फिर दीपावली वेकेशन के बाद 11 नवम्बर को सुनवाई कर सिर्फ पांच दिनों में ही मामले की सुनवाई पूरी कर दी और अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने आरोपी हनुमान निषाद को आइपीसी की धारा 363,307,323 और 376एबी तथा पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी मानते हुए अंतिम सांस तक की कैद और एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।

रात 12 बजे तक हुई सुनवाई


अपराधियों पर कानून का खौफ बढ़े इस उद्देश्य से सरकार और न्यायपालिका ने इस मामले में जल्द चार्जशीट और ट्रायल पूरी करने का निर्णय किया था। इसके लिए कोर्ट ने भी रात 12 बजे तक सुनवाई के लिए सकारात्मक अभिगम दिखाया। लोकअभियोजक नयन सुखड़वाला, रिंकू पारेख और राजेश डोबरिया ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश होकर रात 12-12 बजे तक ट्रायल चलाई और पांच दिन में ही कोर्ट ने फैसला सुना दिया।
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