-दक्षिण गुजरात में सूरत जिले के एक किसान ने 80 बीघा जमीन पर उगाई पामरोजा घास-एक टन घास से प्राप्त होता है औसत 8 लीटर तेल और सालाना हजारों टन घास का उत्पादन
SURAT SPECIAL NEWS: खेत में उगाई घास, घास से निकाला तेल, कीमत उसकी ढाई हजार
सूरत. उपकार फिल्म का गीत मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे-मोती…मेरे देश की धरती…सभी ने सुना होगा और धरती से सही मायने में हीरा-मोती निकालने की खेती सूरत जिले का किसान महेंद्र कापडिय़ा घास उगाकर कर रहा है। पढ़कर हास्यास्पद लग सकता है, लेकिन यह सच है। लखनऊ के कृषि प्रयोग व अन्वेषण केंद्र में करीब ढाई-तीन माह तक पामरोजा घास के बारे में भली-भांति सीख-समझकर लौटे सूरत जिले के युवा किसान ने सूरत जिले में मांगरोल तहसील स्थित दिणोद गांव स्थित अपने 80 बीघा खेत में केवल और केवल घास के बीज ही बोए। देखते ही देखते पामरोजा घास पूरे खेत में फैल गई और तीन महीने में पूरी तरह से तैयार भी हो गई। इसके बाद युवा किसान महेंद्र ने खेत पर ही लखनऊ के कृषि प्रयोग व अन्वेषण केंद्र से मंगाए बॉयलर व प्रोसेसर्स मशीन से तैयार पामरोजा घास से तेल निकालने का प्रयोग भी शुरू कर दिया। वे बताते हैं कि देश के कई हिस्सों में इस तरह की खेती हो रही है और यह खेती सस्ती लागत व कम सिंचाई की है तथा इससे मुनाफा भी अच्छा-खासा होता है।
-आम के आम, गुठलियों के दाम…समान पामरोजा घास की एक ही बार बुवाई करनी होती है और इसे कम पानी से तैयार कर लिया जाता है। इसकी सार-संभाल व तुफान, सूखे आदि से भी नुकसान नहीं है। इतना ही नहीं तेल निकलने के बाद जो कचरा बचता है वो भी ईंघन के रूप में उपयोग होता है। महेंद्र कापडिय़ा, युवा किसान, दिणोद, तहसील मांगरोल, सूरत जिला
-एक बार उगाओ, बार-बार पाओ किसान के मुताबिक एक बीघा जमीन में पामरोजा घास की एक टन से ज्यादा पैदावार पहले तीन महीने की थोड़ी-बहुत मेहनत से हो जाती है और पहली फसल के बाद सालभर में पांच बार यह पैदावार ली जा सकती है। खेत में एक बार पामरोजा घास बोने के बाद यह सात साल तक मामूली पानी की सिंचाई से उगती रहती है। एक टन पामरोजा घास से औसतन 8 लीटर तेल प्राप्त होता है और इसकी बाजार कीमत ढाई हजार रुपए से भी ज्यादा रहती है। पामरोजा घास के बीज सस्ती दर पर मिल जाते हैं और बॉयलर-प्रोसेसर्स मशीन 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध हो जाती है।
-यहां ज्यादा उपयोगी है इसका तेल पामरोजा घास से निकाले गए तेल का सर्वाधिक उपयोग कॉस्मेटिक उत्पाद कंपनियां करती है। इस तेल की खुशबू गुलाब के समान होती है और शेम्पू, परफ्यूम, सेंट समेत कई कॉस्मेटिक वस्तुएं बनाई जाती है। सूरत जिले के किसान महेंद्र के यहां उत्पादित तेल को ज्यादातर महाराष्ट्र की कॉस्मेटिक कंपनियां खरीदकर ले जाती है। इतना ही नहीं पामरोजा घास से तैयार तेल का उपयोग औषधीय तेल के रूप में भी कई हकीम-वैद्य करते हैं। उनके मुताबिक कमर, घुटना, हाथ-पैर के दर्द को दूर करने में यह तेल काफी उपयोगी साबित होता है। बॉयलर से तेल बनाने की विधि भी काफी सरल है।