-आम के आम, गुठलियों के दाम...समान पामरोजा घास की एक ही बार बुवाई करनी होती है और इसे कम पानी से तैयार कर लिया जाता है। इसकी सार-संभाल व तुफान, सूखे आदि से भी नुकसान नहीं है। इतना ही नहीं तेल निकलने के बाद जो कचरा बचता है वो भी ईंघन के रूप में उपयोग होता है।
महेंद्र कापडिय़ा, युवा किसान, दिणोद, तहसील मांगरोल, सूरत जिला
महेंद्र कापडिय़ा, युवा किसान, दिणोद, तहसील मांगरोल, सूरत जिला
-एक बार उगाओ, बार-बार पाओ किसान के मुताबिक एक बीघा जमीन में पामरोजा घास की एक टन से ज्यादा पैदावार पहले तीन महीने की थोड़ी-बहुत मेहनत से हो जाती है और पहली फसल के बाद सालभर में पांच बार यह पैदावार ली जा सकती है। खेत में एक बार पामरोजा घास बोने के बाद यह सात साल तक मामूली पानी की सिंचाई से उगती रहती है। एक टन पामरोजा घास से औसतन 8 लीटर तेल प्राप्त होता है और इसकी बाजार कीमत ढाई हजार रुपए से भी ज्यादा रहती है। पामरोजा घास के बीज सस्ती दर पर मिल जाते हैं और बॉयलर-प्रोसेसर्स मशीन 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध हो जाती है।

