भारतीय रेलवे में वर्ष २०१६ से रेलवे स्टेशनों को स्वच्छता रैंकिंग तय करना शुरू किया है। पहली बार हुई स्वच्छता रैंकिंग में सूरत स्टेशन को प्रथम स्थान मिला था। वहीं, दूसरे साल रैकिंग घटकर 27वें नम्बर पर पहुंच गई। वर्ष २०१८ में जारी स्वच्छता रैंकिंग में सूरत का स्थान २४वां है। ट्रेनों तथा स्टेशनों पर सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए अलग से एक एनवायरमेंट एंड हाउसकीपिंग मैनेजमेंट (इएनएचएम) विभाग बनाया गया है। इएनएचएम की डायरेक्टर शीला वर्मा रविवार को १२९५२ नई दिल्ली-मुम्बई सेंट्रल राजधानी एक्सप्रेस से सूरत पहुंची। उन्होंने स्टेशन डायरेक्टर सी. आर. गरूड़ा, स्टेशन मैनेजर सीएम खटीक, डीसीएमआइ गणेश जादव, उप स्टेशन अधीक्षक कॉमर्शियल, टीआइ समेत अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के साथ सूरत रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया।
प्लेटफार्म संख्या चार का सरफेश टूटा होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने आइओडब्ल्यू विभाग को प्लेटफार्म सरफेश का मरम्मत करने के निर्देश दिए है। सूरत प्रमुख स्टेशन होने के बावजूद प्लेटफार्म पर जगह-जगह बारिश का पानी जमा होने पर भी उसे साफ करने तथा शेड मरम्मत कार्य जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए। प्लेटफार्म पर कुछ स्थानों पर शेड नहीं होने पर भी उन्होंने खाली जगहों पर शेड लगाने के निर्देश दिए।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूरी
गुजरात में बहुत पहले से राज्य सरकार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने पर फोकस किए हुए है। राज्य की नई बनी सरकारी इमारतों में बारिश के पानी को बचाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। वहीं, वर्षों पुराने सूरत रेलवे स्टेशन पर इस ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया है। रेलवे बोर्ड इएनएचएम डायरेक्टर शीला वर्मा सूरत स्टेशन बिल्डिंग में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं होने की जानकारी मिलने पर चौंक गई। उन्होंने अधिकारियों को इस ओर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
गुजरात में बहुत पहले से राज्य सरकार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने पर फोकस किए हुए है। राज्य की नई बनी सरकारी इमारतों में बारिश के पानी को बचाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। वहीं, वर्षों पुराने सूरत रेलवे स्टेशन पर इस ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया है। रेलवे बोर्ड इएनएचएम डायरेक्टर शीला वर्मा सूरत स्टेशन बिल्डिंग में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं होने की जानकारी मिलने पर चौंक गई। उन्होंने अधिकारियों को इस ओर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
गार्बेज कलेक्शन एवं रिसाइकलिंग प्लांट पर चर्चा
मुम्बई रेल मंडल में मुम्बई-अहमदाबाद और नई दिल्ली रूट पर सूरत सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यहां से प्रतिदिन ६५ से ७० हजार यात्रियों का आवागमन होता है। ऐसे स्थिति में कचरा भी बड़ी मात्रा में स्टेशन से निकलता है। रेलवे बोर्ड इएनएचएम डायरेक्टर ने सूरत स्टेशन पर गार्बेज कलेक्शन तथा रिसाइकलिंग प्लांट के बारे में पूछताछ की। सूरत स्टेशन पर रिसाइकलिंग प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए।
मुम्बई रेल मंडल में मुम्बई-अहमदाबाद और नई दिल्ली रूट पर सूरत सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यहां से प्रतिदिन ६५ से ७० हजार यात्रियों का आवागमन होता है। ऐसे स्थिति में कचरा भी बड़ी मात्रा में स्टेशन से निकलता है। रेलवे बोर्ड इएनएचएम डायरेक्टर ने सूरत स्टेशन पर गार्बेज कलेक्शन तथा रिसाइकलिंग प्लांट के बारे में पूछताछ की। सूरत स्टेशन पर रिसाइकलिंग प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए।