भटार आजादनगर निवासी आरोपी रहीम सलीम शेख को खटोदरा पुलिस ने बलात्कार, पॉक्सो एक्ट के उल्लंघन और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप के मुताबिक आरोपी रहीम ने 14 साल की किशोरी को प्रेमजाल में फंसाया और उसे 13 मार्च, 2021 को शादंी का झांसा देकर मध्यप्रदेश भगा ले गया, लेकिन परिवार के कहने पर वह दूसरे दिन किशोरी को लेकर सूरत लौट आया। इस दौरान उसने किशोरी के साथ यौन संबंध बनाए होने का भी आरोप लगा था। कोर्ट में चार्जशीट पेश होने के बाद मामले की सुनवाई पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोकाभियोजक एस.एस.पाटिल ने दलीलें पेश की। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी रहीम को संदेह का लाभ देते हुए बलात्कार की धाराओं के तहत निर्दोष छोड़ दिया, लेकिन अपहरण के लिए दोषी मानते हुए आइपीसी की धारा 363 के तहत सात साल की कैद तथा धारा 366 के तहत दस साल की कैद की सजा सुनाई।
हत्या के कोशिश के मामले में पिता-पुत्रों को तीन साल की कैद
सूरत. मामलू झगड़े को लेकर सलाबतपुरा में युवक पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमला करने के मामले में आरोपित पिता और दो पुत्रों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए तीन साल की कैद और 500-500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
सूरत. मामलू झगड़े को लेकर सलाबतपुरा में युवक पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमला करने के मामले में आरोपित पिता और दो पुत्रों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए तीन साल की कैद और 500-500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार सलाबतपुरा जन्नती बाग झोपड़पट्टी निवासी मुस्ताकअली ग्यासअली सैदय का अपने साले शेख मुस्ताक शेख अब्बास के साथ मामूल बात को लेकर झगड़ा हुआ था। मुस्ताक शेख के साले का बेटा मुस्ताकअली की ऑमलेट की लॉरी पर चढ़ गया था, जिसे लेकर उनके बीच झगड़ा हुआ था और बाद में समझौता हो गया था। इसी बात की रंजिश रखते हुए 11 मई, 2014 को मुस्ताक शेख जन्नती बाग टर्निंग के पास खड़ा था, तभी मुस्ताकअली और उसके दो पुत्र जफरअली मुस्ताकअली सैयद तथा मजरअली मुस्ताकअली सैयद ने मिलकर धारदार हथियारों से मुस्ताक शेख पर जानलेवा हमला किया था। घटना को लेकर सलाबतपुरा पुलिस ने हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कर आरोपित पिता-पुत्रों को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश होने के बाद से मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोकाभियोजक कु.रिंकू पारेख आरोपों को साबित करने में सफल रही। शुक्रवार को अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने हत्या की कोशिश के आरोप में तीनों पिता-पुत्रों को दोषी मानते हुए तीन-तीन साल की कैद और 500-500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।