scriptशातिर के जाल में फंसे सूरत के व्यापारी ने 40 लाख के जेवर गंवाएं | Surat trader stranded in a vicious trap lost 40 liters of liquor | Patrika News

शातिर के जाल में फंसे सूरत के व्यापारी ने 40 लाख के जेवर गंवाएं

locationसूरतPublished: Oct 26, 2018 01:16:53 pm

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

– खुद ही फोन करके घरेलु नौकर के रूप में काम पर रहा और पहले ही दिन हीरा जडि़त जेवर समेट कर फरार हो गया – जोधपुर के शेरगढ़ का जयंतीलाल पहचान बदल बदल कर राजस्थानी व्यापारियों घरों में करता है हाथ साफ

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शातिर के जाल में फंसे सूरत के व्यापारी ने 40 लाख के जेवर गंवाएं

सूरत. वेसू क्षेत्र में नए घर में शिफ्ट हुए कपड़ा व्यापारी के घर से ४० लाख रुपए के जेवर चोरी हो गए। व्यापारी ने उसके घरेलू नौकर समेत दो जनों के खिलाफ खटोदरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
पुलिस के मुताबिक चोरी वीआइपी रोड पर श्याम मंदिर के निकट स्विम पैलेस अपार्टमेंट निवासी कपड़ा व्यापारी विमल बेडिया के घर में हुई।

विमल कुछ दिन पहले ही यहां शिफ्ट हुए थे। शंकर नाम के उनके परिचित ने बुधवार सुबह कमलेश यादव नाम के युवक को उनके यहां भेजा था। सुबह उसे काम के बारे में बता कर वह अपने कार्यालय चले गए। घर पर महिलाएं ही थीं। सुबह साढ़े ग्यारह बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कमलेश मौका देख कर अलग-अलग किस्म के ४० लाख रुपए के हीरा जडि़त सोने के जेवर और १५ हजार रुपए नकद चुरा कर भाग निकला।
शाम को चोरी के बारे में पता चलने पर विमल ने पुलिस ने संपर्क किया। पुलिस ने अपार्टमेंट के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उसमें कमलेश यादव थैला लेकर बाहर निकलता हुआ नजर आया। पुलिस ने विमल की शिकायत पर कमलेश यादव और उसकी पहचान देने वाले शंकर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

पुलिस टीम राजस्थान रवाना
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से मिले कमलेश के फोटो के आधार पर रेकर्ड की पड़ताल की गई तो पता चला कि वह कमलेश यादव नहीं, बल्कि शातिर जयंतीलाल उर्फ रमेश ओसवाल है, जो राजस्थान के जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के देचु का मूल निवासी है। वह इसी तरह बड़े व्यापारियों के यहां घरेलू नौकर के रूप में काम हासिल कर चोरी करता है। वह इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है तथा तीन मामलों में उमरा थाना पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। उसकी खोज में पुलिस ने एक टीम शेरगढ़ रवाना कर दी है।

खुद ही किया था फोन
खटोदरा थाना प्रभारी एम.एम. पुंवार ने बताया कि शातिर जयंतीलाल ने रेकी कर व्यापारी विमल के बारे में जानकारी जुटाई थी। फिर खुद ही अपनी पहचान शंकरभाई के रूप में देकर विमल को फोन किया और कमलेश यादव को काम के लिए भेजने की बात कही थी। विमल ने समझा कि उनके किसी परिचित शंकरभाई ने फोन किया होगा।

बिना पड़ताल नहीं रखे काम पर
एम.एम.पुंवार ने बताया कि व्यापारी ऐसे ही किसी को भी अपने यहां काम पर नहीं रखे। पहले वे संबंधित व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी जुटाए। उसके बॉयोडेटा से जुड़े दस्तावेज हासिल कर उन्हें संबंधित पुलिस थाने में जमा करवाएं और व्यक्ति की पहचान को लेकर पुरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही किसी को अपने यहां काम पर रखे।
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