प्रधानमंत्री (prime minister) नरेंद्र मोदी (narendra modi) ने प्लास्टिक (plastic) को पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए लोगों से देश को प्लास्टिक मुक्त (plastic free india) करने की मुहिम में शामिल होने का आह्वान किया था। इसके बाद से देशभर में जगह-जगह प्लास्टिक को चलन से बाहर करने के लिए बाकायदा ड्राइव (drive) चलाए गए। राज्य सरकारों (state government) और स्थानीय निकायों ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) के खिलाफ मुहिम चलाते हुए उन्हें बंद कराने और दुकानों पर मिलने पर कार्रवाई करने की कवायद की थी। प्रधानमंत्री का समुद्र किनारे plogging करने का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।
उसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने अब देश के चार शहरों में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर तैयार करने का निर्णय किया है। इसमें सूरत (surat) के साथ ही बनारस, पटना और बंगलुरू को शामिल किया गया है। इन जगहों पर बनने वाले सेंटर में प्लास्टिक के रियूज और रिसाइकल के साथ ही प्लास्टिक के अलग-अलग प्रकार और उसके इस्तेमाल के तरीकों पर काम किया जाएगा। इन सेंटर में इस पर भी रिसर्च की जाएगी कि प्लास्टिक से हो रहे प्रदूषण को किस हद तक कम किया जा सकता है और उसके वैज्ञानिक निस्तारण के क्या उपाय किए जा सकते हैं।
सूरत से रोज निकलता है 180 एमटी प्लास्टिक वेस्ट सूरत से रोजाना करीब एक हजार एमटी कचरा निकलता है। इसमें प्लास्टिक वेस्ट की मात्रा करीब 180 एमटी होती है। देशभर में करीब दस हजार टन प्लास्टिक वेस्ट रोजाना पैदा हो रहा है। इतनी बड़ी तादाद में रोजाना पैदा हो रहे प्लास्टिक वेस्ट का प्रबंधन और निस्तारण बड़ी चुनौती है। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर खोले जाने से रोजाना पैदा हो रहे प्लास्टिक वेस्ट से निपटने की राह खुलेगी।