एक बार देख लेते
फिल्म यहां प्रदर्शित हुई नहीं तो कैसे पता चले कि इसमें किसी का अपमान हुआ है या नहीं। फिल्म देखने के बाद विरोध के बारे में तय करना था। फिल्म को लेकर जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उचित नहीं है।
पूर्वी संचेती, छात्रा
फिल्म यहां प्रदर्शित हुई नहीं तो कैसे पता चले कि इसमें किसी का अपमान हुआ है या नहीं। फिल्म देखने के बाद विरोध के बारे में तय करना था। फिल्म को लेकर जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उचित नहीं है।
पूर्वी संचेती, छात्रा
रिलीज होनी चाहिए थी
‘पद्मावतÓ रिलीज होनी चाहिए थी। फिल्म को मनोरंजन के रूप में देखा जाए। जो विरोध हो रहा है, ठीक नहीं है। लोग इस फिल्म से इतिहास के बारे में भी जानते। फिल्म में कुछ आपत्तिजनक होता तो कानून का सहारा लिया जा सकता था।
अनुपम गोयल, संचालक, आईडीटी
‘पद्मावतÓ रिलीज होनी चाहिए थी। फिल्म को मनोरंजन के रूप में देखा जाए। जो विरोध हो रहा है, ठीक नहीं है। लोग इस फिल्म से इतिहास के बारे में भी जानते। फिल्म में कुछ आपत्तिजनक होता तो कानून का सहारा लिया जा सकता था।
अनुपम गोयल, संचालक, आईडीटी
जन सुरक्षा पहले
फिल्म से ज्यादा लोगों की सुरक्षा जरूरी है। फिल्म प्रदर्शित होती तो थिएटर में हजारों लोग होते। किसी तरह की अनहोनी से लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती। जन हानि होती तो जिम्मेदार कौन होता? फिल्म को लेकर हिंसा उचित नहीं है।
नीरज शुक्ला, कर्मचारी
फिल्म से ज्यादा लोगों की सुरक्षा जरूरी है। फिल्म प्रदर्शित होती तो थिएटर में हजारों लोग होते। किसी तरह की अनहोनी से लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती। जन हानि होती तो जिम्मेदार कौन होता? फिल्म को लेकर हिंसा उचित नहीं है।
नीरज शुक्ला, कर्मचारी
लोग ही फैसला करते
फिल्म मनोरंजन के लिए होती है। ‘पद्मावतÓ में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर बताया गया था तो लोग ही इसे खारिज कर देते। इतिहास की गलत प्रस्तुति कोई भारतीय पसंद नहीं करेगा।
राजेश माहेश्वरी, स्कूल संचालक
फिल्म मनोरंजन के लिए होती है। ‘पद्मावतÓ में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर बताया गया था तो लोग ही इसे खारिज कर देते। इतिहास की गलत प्रस्तुति कोई भारतीय पसंद नहीं करेगा।
राजेश माहेश्वरी, स्कूल संचालक
दूसरे हुए परेशान
एक फिल्म को लेकर जिस तरह देशभर में प्रदर्शन हो रहा है, वह गलत है। विरोध का भी एक तरीका होता है। विरोध के नाम पर हिंसा हो रही है। एक फिल्म के लिए दूसरों को परेशान करना उचित नहीं है।
कौषिक चेवली, व्यापारी
एक फिल्म को लेकर जिस तरह देशभर में प्रदर्शन हो रहा है, वह गलत है। विरोध का भी एक तरीका होता है। विरोध के नाम पर हिंसा हो रही है। एक फिल्म के लिए दूसरों को परेशान करना उचित नहीं है।
कौषिक चेवली, व्यापारी