scriptTAKSHSHILA ARCHED : सूरत के स्कूल विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित नहीं.. | TAKSHSHILA ARCHED : Surat's school is not safe for students.. | Patrika News

TAKSHSHILA ARCHED : सूरत के स्कूल विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित नहीं..

locationसूरतPublished: May 25, 2019 06:30:40 pm

– सूरत के 700 से अधिक स्कूलों के निरीक्षण में खुलासा : कई के पास मनपा का बीयूसी प्रमाण पत्र नहीं- बच्चों की सुरक्षा को लेकर घोर लापरवाही, ज्यादातर स्कूलों के पास दमकल विभाग का एनओसी नहीं- दमकल विभाग ने 180 से अधिक स्कूलों को भेजा नोटिस

सूरत आग्निकांड

सूरत आग्निकांड


सूरत.

शहर के ज्यादातर स्कूलों में फायर सेफ्टी के बंदोबस्त नहीं होने से विद्यार्थियों पर खतरा मंडरा रहा है। इन स्कूलों के पास दमकल विभाग का एनओसी तक नहीं है। कई स्कूलों के पास महानगर पालिका का बीयूसी प्रमाण पत्र भी नहीं है।
गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अनुदानित और निजी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों का वेरीफिकेशन करने का आदेश दिया गया था। इन स्कूलों में बोर्ड के अधिनियम 1974 के नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, इसका वेरीफिकेशन कर रिपोर्ट मांगी गई थी। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से स्कूलों के वेरीफिकेशन के लिए शहर के अनुदानित स्कूलों के 115 प्राचार्यों की टीम बनाई गई। इस टीम ने शहर के 700 से अधिक स्कूलों में मैदान, मनपा बीयूसी प्रमाण पत्र, स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी रिपोर्ट, फायर सेफ्टी के साधन, स्वास्थ्य सुरक्षा और दमकल विभाग के एनओसी की जांच की तो पता चला कि ज्यादातर स्कूलों के पास दमकल विभाग का एनओसी नहीं है। ज्यादातर स्कूलों में आग की सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं हैं। जिन स्कूलों में थोड़े-बहुत अग्निशमन यंत्र हैं तो यह समय पर रिफिल होते हैं या नहीं, इस पर ध्यान नहीं दिया जाता। कई स्कूल छोटी गलियों में चल रहे हैं। वह मकानों से घिरे हुए हैं। आग लगने के हालात में बच्चों को बाहर निकालने के कोई इंतजाम नहीं हैं।
शहर में 900 से अधिक स्कूल हैं। इनमें से करीब 700 स्कूलों का निरीक्षण किया गया। मात्र 50 स्कूलों के पास दमकल विभाग का एनओसी है। कुछ बड़े स्कूलों में आग पर काबू पाने की व्यवस्था है, लेकिन बाकी स्कूलों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। दमकल विभाग ने 180 से अधिक स्कूलों को नोटिस भी भेजा है।
स्कूलों में मैदान भी नहीं
प्राचार्यों की अलग-अलग टीमों ने स्कूलों के निरीक्षण में पाया कि कई स्कूलों में मैदान नहीं हंै। ज्यादातर स्कूल कॉम्प्लेक्स और अपार्टमेंट जैसी इमारतों में चल रहे हैं। स्कूलों के पास मनपा का बीयूसी प्रमाण पत्र और स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी रिपोर्ट होना अनिवार्य है। निरीक्षण में पाया गया कि अधिकतर स्कूलों के पास यह दोनों नहीं है। कई स्कूलों में शिक्षकों का रजिस्टर मेनटेन नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों की पर्याप्त संख्या नहीं है। गिनती के शिक्षकों से स्कूल चलाया जा रहा है। इन शिक्षकों को आग लगने की हालत में बच्चों की सुरक्षा का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है।
निरीक्षण में पाई गई खामियां
फायर सेफ्टी के साधन हैं, लेकिन दमकल विभाग का एनओसी नहीं।
स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी रिपोर्ट और मनपा का बीयूसी प्रमाणपत्र नहीं।
60 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में मैदान नहीं।
कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी। वेतन का रजिस्टर मेनटेन नहीं होता।
कई स्कूलों में तीन-चार शिक्षकों पर पूरी स्कूल के शिक्षण और प्रशासनिक कार्य का जिम्मा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो