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अहमदाबाद की हिंसा के बाद थिएटर मालिकों ने खड़े किए हाथ, थिएटरों पर लगाए नोटिस

locationसूरतPublished: Jan 24, 2018 09:43:42 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

सूरत में नहीं दिखाई जाएगी ‘पद्मावतÓ
अठवा गेट पर फिल्म के खिलाफ करणी सेना का धरना प्रदर्शन शुरू, 30 तक जारी रहेगा

surat patrika
सूरत.

‘पद्मावतÓ फिल्म को लेकर शहर के थिएटर मालिकों में संशय को पहले से था, मंगलवार रात अहमदाबाद के थिएटरों में आगजनी और तोडफ़ोड़ के बाद उन्होंने पूरी तरह हाथ खड़े कर दिए। यानी 25 जनवरी को शहर के किसी थिएटर में यह फिल्म नहीं दिखाई जाएगी। किसी भी तरह के जोखिम को टालने के लिए थिएटर मालिकों ने फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने का फैसला किया है। दूसरी तरफ फिल्म के विरोध का सिलसिला जारी है। बुधवार को करणी सेना की ओर से अठवा गेट पर फिल्म के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया गया, जो 30 जनवरी तक जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रदर्शन को हरी झंडी मिलने के बावजूद देशभर में ‘पद्मावतÓ को लेकर विवाद बरकरार है। सूरत कलक्टर कार्यालय में दो दिन पहले शहर के थिएटर मालिकों की बैठक में कलक्टर ने सुरक्षा का भरोसा दिया था। इसके बाद मालिकों ने फिल्म प्रदर्शित करने पर विचार करने के लिए समय मांगा था। कई थिएटर मालिकों ने पहले ही फिल्म नहीं दिखाने का मन बना लिया था। मंगलवार रात अहमदाबाद के चार मॉल में तोडफ़ोड़ और आगजनी के बाद सूरत के थिएटर मालिकों ने फिल्म को नहीं दिखाने का फैसला किया। शहर के कई थिएटरों के बाहर बड़े-बड़े नोटिस लगा दिए हैं कि इस थिएटर में ‘पद्मावतÓ नहीं दिखाई जाएगी। थिएटर मालिकों का कहना है कि एक फिल्म के लिए वह बड़ा नुकसान नहीं झेलना चाहते। किसी तरह का हंगामा या हिंसा हुई तो लोगों की सुरक्षा खतरे में हो सकती है। कर्मचारियों पर भी संकट आ सकता है।
फिल्म नहीं देखने की अपील
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने बुधवार को अठवा गेट पर वनिता विश्राम के पास फिल्म को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। सेना के उपप्रमुख किशनसिंह झाला ने बताया कि 30 जनवरी तक पुलिस से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति ली गई है। इस दौरान लोगों से गुजारिश की जाएगी के वह फिल्म नहीं देखें। फिल्म को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
भरुच में करणी सेना की धमकी
भरुच. करणी सेना ने धमकी दी है कि भरुच और अंकलेश्वर शहर के किसी भी सिनेमाघर में ‘पद्मावतÓ दिखाई गई तो सड़कों पर खून बहेगा। भरुच शहर के राजपूत छात्रावास में बुधवार शाम करणी सेना के साथ विभिन्न समाज के अग्रणियों की मौजूदगी में आयोजित प्रेस वार्ता में फिल्म का विरोध किया गया। पे्रस वार्ता के दौरान राजपूत समाज, ब्रह्म समाज, विहिप, बजरंग दल, पाटीदार समाज सहित कई समाजों के अग्रणी उपस्थित थे। समाज के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि फिल्म को नहीं चलाने के लिए कई बार कहा जा रहा है। इसके बाद भी फिल्म प्रदर्शित की गई तो खैर नहीं। धमकी दी गई कि पुलिस चाहे गोली चलाए या लाठी, समाज के लोगों के सामने वह भी टिक नहीं पाएगी। राजपूतों ने काफी दिनों से तलवार नहीं उठाई है, लेकिन अब तलवार उठाने का वक्त आ गया है।
मल्टीप्लेक्स भी नहीं दिखाएंगे
शहर के मल्टीप्लेक्स ने भी ‘पद्मावतÓ नहीं दिखाने का फैसला किया है। मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया कि गुजरात के मल्टीप्लेक्स मालिक लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिल्म नहीं दिखाएंगे।
थिएटरों की सुरक्षा बढ़ाई, अर्ध सैनिक बल तैनात
सूरत. ‘पद्मावतÓ की रिलीज के विवाद को लेकर पुलिस ने शहर में सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए हैं। स्थानीय पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स और रिजर्व पुलिस बल की दो-दो कंपनियों को भी सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है। शहर पुलिस आयुक्त सतीष शर्मा ने बताया कि अभी तक किसी भी सिनेमाघर ने सुरक्षा की मांग नहीं की है, लेकिन पुलिस की ओर से सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही है। स्थानीय पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स की दो कंपनियों और रिजर्व पुलिस बल की दो कंपनियों को सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किया गया है। सभी पुलिसकर्मियों को स्टैण्ड टू रहने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस पीआरओ जे.के.पंड्या ने बताया कि शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में आने वाले सिनेमाघरों पर बुधवार से पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सभी थाना प्रभारियों को गुरुवार को विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं। उन्हें थाना क्षेत्र के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने तथा गश्त पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। महकमे के आलाधिकारी हालात पर पैनी निगाह बनाए हुए हंै।
कोर्ट में बंद रहेगा कामकाज
सूरत डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने गुरुवार को भारत बंद के अह्वान को लेकर कामकाज बंद रखने का निर्णय किया है। बार एसोसिएशन की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि गुरुवार को उपद्रव की आशंका को लेकर कामकाज बंद रखने का फैसला किया गया, ताकि सुनवाई के लिए बाहर से आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। इस संबंध में बुधवार को प्रस्ताव पास कर न्यायाधीशों से अपील की गई है कि विभिन्न मामलों को यथास्थिति रखी जाए।
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