दक्षिण गुजरात की एक लंबी पटटी को भूकंप जोन में है। यहां बार-बार आने वाले भूकंप के मामूली झटके लोगों के लिए आम बात हो गई है। नवसारी जिले में इस वर्ष औसत 100 इंच बारिश दक्षिण-पूर्वी छोर की अंतिम तहसील वांसदा में औसत 110 इंच बरसात हुई है। बारिश बंद होने के बाद से वांसदा तहसील में 1 से लेकर 2.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं।
शुक्रवार को भी दोपहर करीब 1.36 बजे चिखली में अब तक का सबसे तेज 3.5 की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका केन्द्र बिंदु नवसारी से 43 किमी की दूरी पर वांसदा का नानी भमती गांव रहा। भूकंप की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि चिखली के आसपास के गांवों समेत रानकुवा, कुकेरी आदि गांवों में लोग घरों से बाहर निकल गए। भूकंप के चलते चिखली प्रशासन भी हरकत में आया। चिखली तहसीलदार पीआर पटेल ने कुकेरी गांव की स्थिति का जायजा लिया, वहीं गांव की दुग्ध मंडली में गांव के सरपंच समेत अग्रणियों के साथ बैठक कर भूकंप की असर को लेकर चर्चा की।
वांसदा तहसीलदार विशाल यादव ने गुजरात सरकार को भेजी रिपोर्ट में बताया था कि क्षेत्र में अब तक भूकंप का कोई झटका रिक्टर स्केल पर तीन की तीव्रता से अधिक का नहीं आया है। इस बार यह3.5 तीव्रता तक पहुंच गया, जिससे लोगों में दहशत है। यह जानकारी गांधीनगर तक पहुंची तो राज्य प्रशासन भी हरकत में आया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से सीस्मोलॉजी विभाग को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने और क्षेत्र में बार-बार आ रहे भूकंप की वजह तलाशने के लिए कहा गया था। गुजरात सरकार के निर्देश के बाद विशेषज्ञों की टीम शनिवार को वांसदा पहुंच गई। यह टीम तहसीलदार के साथ मिलकर वांसदा एवं आसपास के गांवों में सर्वे करेगी। सीस्मोलोजिकल विभाग की टीम की रिपोर्ट के बाद ही इस पर आगे कुछ कहा जा सकेगा।
टीम को करना पड़ा तहसीलदार का इंतजार शनिवार सुबह जब टीम वांसदा पहुंची, तहसीलदार विशाल यादव नवसारी गए हुए थे। उन्होंने बताया कि वापस वांसदा लौटने के बाद ही गांधीनगर से आई टीम उनके साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी। जब तक यादव वांसदा पहुंचते, टीम को लंबा इंतजार करना पड़ गया।