सूरत

मौत से खेलते किशोर : दुपहिया वाहन पर स्टंट बना युवाओं का शौक

– गत वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले 16 लोगों में 6 किशोर

सूरतNov 28, 2022 / 10:00 pm

Sanjeev Kumar Singh

मौत से खेलते किशोर : दुपहिया वाहन पर स्टंट बना युवाओं का शौक

दोपहिया वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की संख्या अधिक है। इसमें किशोर वय बच्चों की बड़ी तादाद है। पुलिस के आंकड़े बताते है कि गत वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में कुल 16 व्यक्तियों ने जान गंवाई हैं, जिसमें 6 किशोर शामिल हैं। सड़कों पर 18 वर्ष से कम के बच्चे बाइक या मोपेड पर स्टंट करते देखे जाते हैं। इन कम उम्र के बच्चों द्वारा लापरवाही के साथ वाहन चलाने का अंजाम दुर्घटना के रूप में सामने आता है। नाबालिग बच्चों को वाहन ड्राइविंग का न तो अनुभव है और न ही लाइसेंस।
कुछ समय पूर्व परिवहन विभाग ने सर्कुलर जारी किया था कि शिक्षण संस्थाओं में वाहन पार्किंग की व्यवस्था जरूरी है। ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन बीमा, चालकों के पास हेलमेट होना अनिवार्य है। वाहनों को सीएनजी, एलपीजी व अन्य फिटनेस सर्टिफिकेट बिना सड़कों पर दौड़ाना अपराध है। शिक्षण संस्थाओं में ट्रैफिक नियम पालन के लिए स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत शिक्षण संस्थाओं में यह कानून प्रभावी बनाया गया है।
अभिभावक भी जिम्मेदार

नाबालिग बच्चों को दो पहिया वाहन खरीदकर देने के लिए अभिभावक जिम्मेदार हैं। बच्चों को उन्नत शिक्षा और संस्कार की बजाय अभिभावक महंगे मोबाइल, बाइक, मोपेड और मनचाहे भ्रमण की छूट दे रहे हैं। सड़कों पर बेकाबू रफ्तार से वाहन दौड़ाते बच्चों को पुलिस भी अनदेखा करती है। बड़ी संख्या में विद्यार्थी बाइक, मोपेड से आवागमन करते हैं। यातायात पुलिस भी बिना लाइसेंस वाले बच्चों को दंडित नहीं करती है।
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