scriptगुप्त नवरात्र में माता के दस स्वरूप की पूजा सम्पन्न | Ten forms of mother worship performed in Gupta Navratri | Patrika News

गुप्त नवरात्र में माता के दस स्वरूप की पूजा सम्पन्न

locationसूरतPublished: Feb 03, 2020 09:54:51 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

शहर में यज्ञ-हवन, प्राण-प्रतिष्ठा, कन्या पूजन समेत हुए अनेक आयोजन

गुप्त नवरात्र में माता के दस स्वरूप की पूजा सम्पन्न

गुप्त नवरात्र में माता के दस स्वरूप की पूजा सम्पन्न

सूरत. माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हुए नए वर्ष के पहले नवरात्र पर्व गुप्त नवरात्र की पूर्णाहुति सोमवार को धार्मिक माहौल में की गई। 25 जनवरी से शुरू हुए गुप्त नवरात्र पर्व के दौरान दस महाविद्या की साधना अभीष्ट फल प्राप्ति की कामना के साथ की गई। पर्व की पूर्णाहुति के मौके पर शहर में सुबह शोभायात्रा, कन्या पूजन, श्रीफल आहुति आदि के आयोजन किए गए।
नए वर्ष की पहली नवरात्रि 25 जनवरी से गुप्त नवरात्रि के रूप में प्रारम्भ हुई और यह सोमवार तक चली। अभीष्ट फलप्राप्ति, आराधना व विशेष आह्वान के लिए गुप्त नवरात्रि के दौरान साधकों ने संतों के सानिध्य में दस महाविद्या की साधना की। साधना के दौरान प्रतिदिन मां जगदम्बा के महाकाली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माता ध्रुमावती, माता बगलामुखी, मातंगी मां और कमला देवी की पूजा विशेष रूप से की गई। गुप्त नवरात्र पर्व के दौरान शहर में कई धार्मिक स्थलों पर दस दिवसीय यज्ञ-हवन, अनुष्ठान कार्यक्रमों के आयोजन किए गए। गुप्त नवरात्र के मौके पर उधना मुख्यमार्ग पर दक्षिणाभिमुखी शनि-हनुमान मंदिर आश्रम में संत विजयानंद महाराज के सानिध्य में आयोजित दस दिवसीय पंचकुंडीय महायज्ञ की पूर्णाहुति सोमवार अपराह्न श्रीफल होम के साथ की गई। इस दौरान उज्जैन, काशी व नासिक से आए ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार पर यजमानों ने सामूहिक रूप से आहुति दी। संत विजयानंद महाराज ने बताया कि पृथ्वी को रुद्र, वरुण, यम आदि के प्रकोप से बचाने के लिए गुप्त नवरात्र में मां जगदम्बा की उपासना की जाती है। दस दिवसीय पंचकुंडीय महायज्ञ के दौरान प्रतिदिन सुबह-शाम देवी-देवता के पूजन-आह्वान, दुर्गासप्तशती पाठ, श्रीसुक्त पाठ के मंत्रों के साथ यज्ञवेदी में आहुतियां दी गई।

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