संजय इजावा नाम के नागरिक ने सूचना के अधिकार के तहत इस संदर्भ में जानकारी मांगी थी। इसके मुताबिक गरनालों से टपकते गंदे पानी की समस्या को लेकर मनपा की ओर से रेल प्रशासन के साथ बैठक की गई थी, जिसमें पश्चिम रेलवे ने एस्टीमेट तैयार कर मनपा को रुपए चुकाने को कहा था।
रेल प्रशासन के कहने पर सूरत मनपा ने वराछा रेलवे गरनाला, लंबे हनुमान गरनाला और सहारा दरवाजा गरलाने की रिपेयरिंग के लिए 8.84 लाख रुपए पश्चिम रेलवे को दिए। वराछा रोड रेलवे गरनाले की मरम्मत के लिए रेलवे ने मनपा से 3,02,22,219 रुपए वसूले और इसमें से 2,49,30,833 रुपए खर्च किए। लंबे हनुमान गरनाले की मरम्मत के लिए दिए गए 2,64,49,355 रुपए में से 1,41,11,489 रुपए खर्च किए गए, जबकि सहारा दरवाजा गरनाले के लिए दिए गए 3,17,38,000 रुपए में से सिर्फ 14,34,219 रुपए ही रेलवे ने खर्च किए। अब भी आधी से ज्यादा राशि रेलवे के पास पड़ी है।
आठ साल से रुपए रेलवे की तिजोरी में
मनपा ने वर्ष 2010 में डिपोजिट के तौर पर 8.84 करोड़ रुपए पश्चिम रेलवे को दिए थे, जिससे गरनालों की मरम्मत का कार्य किया जा सके, लेकिन इनमें से आधे रुपए भी रेलवे ने खर्च नहीं किए और समस्या जस की तस है। मनपा और रेलवे के बीच हुई बैठक में तय किया गया था कि जो रुपए बचेंगे, वह मनपा को लौटाने होंगे, लेकिन रेल प्रशासन 4.79 करोड़ रुपए कई साल से दबाए बैठा है।