scriptटैक्नोलॉजी के अभाव में टैक्सटाइल की मशीनें करनी पड़ती हैं आयात | Textile machines need to be imported due to lack of technology | Patrika News

टैक्नोलॉजी के अभाव में टैक्सटाइल की मशीनें करनी पड़ती हैं आयात

locationसूरतPublished: Aug 09, 2018 09:45:33 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

भारत में टैक्सटाइल मशीन उत्पादकों की वार्षिक क्षमता 12 हजार करोड़ की है

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टैक्नोलॉजी के अभाव में टैक्सटाइल की मशीनें करनी पड़ती हैं आयात

सूरत

भारत में टैक्सटाइल मशीन उत्पादकों की वार्षिक क्षमता 12 हजार करोड़ की है और यहां के उद्यमियों को 8000 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिलते हैं। विदेशों की अच्छी टैक्नोलॉजी वाली मशीनंों के कारण स्थानीय उद्यमी उन्हें पसंद करते हैं। यह जानकारी इंडियन टैक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन रजनीकांत बचकानीवाला ने दी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि भारत के टैक्सटाइल मशीन मैन्युफैक्चर्स एम्ब्रॉयडरी और गारमेंट को छोड़कर सभी मशीनें बनाते हैं। भारतीय उद्यमी धीरे-धीरे नई मशीनें बनाने के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। विदेशों में मशीन निर्माताओं के पास ज्यादा टैक्नोलॉजी और रिसर्च के कारण उनकी मशीनें बेहतर होती हैं। सरकार के नियमों के कारण टैक्स का भी लाभ मिलने से वह देशी मशीनों से सस्ती होती हैं। इसलिए स्थानीय उद्यमी वहां से मशीनें आयात करते हैं। अभी तक भारत में थर्ड जनरेशन की मशीनें बन रही हैं, जबकि विदेशों में फोर्थ और फिफ्थ जनरेशन की मशीनें बनने लगी हैं। भारत में बनने वाली मशीनें भी विदेशों में बड़े पैमाने पर निर्यात हो रही हैं। बचकानीवाला ने बताया कि स्थानीय मशीन निर्माताओं की गुहार के बाद सरकार कई नीतियां बदल रही हैं। इसका लाभ जरूर मिलेगा।
ग्लोबल शो 2019 में
इंडियन टैक्सटाइल मशीनरी एग्जिबिशन सोसासटी की ओर से 18 जनवरी, 2019 से मुंबई में तीन दिवसीय ग्लोबल टैक्सटाइल टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग एग्जिबिशन का आयोजन किया जाएगा। इसमें कई देशों के मशीन मैन्युफेक्चर्स और खरीदार शामिल होंगे। यहां भारतीय उद्यमियों की नई टैक्नोलॉजी वाली मशीनें भी उपलब्ध होंगी।
वराछा सहकारी बैंक को सम्मान
गुजरात अर्बन बैंक फैडरेशन की ओर से गांधीनगर में आयोजित सहकार सेतु कार्यक्रम में सूरत की वराछा कॉ.ऑप. बैंक को शून्य एनपीए तथा कासा डिपोजिट बड़े पैमाने पर रखने के लिए राज्य के सहकार मंत्री ईश्वर पटेल और गुजरात अर्बन बैंक फैडरेशन के प्रमुख ज्योतिन्द्र मेहता ने अवॉर्ड देकर सम्मानित किया। बैंक की ओर से जनरल मैनेजर विठ्ठल धानाणी और असिस्टेंट जनरल मैनेजर अरविंद पटेल उपस्थित थे। बैंक के चेयरमैन कानजी भालाणा ने बताया कि बैंक ने खातेदारों की सुविधा के लिए लोन विभाग और इंश्योरेंस विभाग शुरू किया है।
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