भारत और चीन के बीच व्यापारिक तौर पर फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट नहीं होने के कारण चीन से आयातित कपड़ों पर इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है। इससे चीन के कपड़े महंगे हो जाते हैं। इसका तोड़ निकालने के लिए चीन बांग्लादेश का इस्तेमाल कर रहा है। बांग्लादेश की गिनती गरीब देशों में होने के कारण चीन और भारत सहित कई देशों से बांग्लादेश का फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट है।चीन गारमेन्ट कपड़़ों का बड़ा उत्पादक है, यह कपड़े वह बांग्लादेश और वियतनाम से होकर भारत में भेजता है।
इसका खामियाजा सूरत समेत देशभर के उद्यमियों को हो रहा है। बांग्लादेश से आयातित कपड़ों पर ड्यूटी नहीं होने से वह सस्ते होते हैं इसलिए यहां के उद्यमियों के कपड़े नहीं बिक पाते। गारमेन्ट इन्डस्ट्री इससे परेशान है और बड़ा नुकसान उठा रही है। मात्र घरेलू बाजार ही नहीं निर्याात में भी नुकसान हो रहा है। सिन्थेटिक रेयोन टैक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने आयात के लिए रूल्स इन ओरिजिन के नियम के पालन की मांग की है। इसक मतलब है कि यदि बांग्लादेश चीन से कपड़ा आयात कर उसे भारत में भेज रहा है तो वह कपड़ा बांग्लादेश में ही बना होना चाहिए। उसका प्लान्ट भी वहीं होना चाहिए।
कपड़ा उद्योग को बड़ा नुकसान
चीन बड़ी चालाकी से वाया बांग्लादेश होकर अपने कपड़़े भेज रहा है। इस कारण हमें नुकसान हो रहा है। एक समय में बड़े पैमाने पर सूरत के कपड़े गारमेन्ट के लिए इस्तेमाल होते थे। अब इसमें कमी आई है। इस पर नियंत्रण के लिए चीन का वाया बांग्लादेश भारत में भेजे जाने वाले कपड़ों पर रोक लगाना आवश्यक है।
गिरधर गोपाल मंूंदड़ा, कपड़ा उद्यमी
रूल्स ऑफ ओरिजिन का कड़क अमल
यदि बांग्लादेश से आने वाले कपड़ों के साथ रूल्स ऑफ ओरिजिन का सर्टिफिकेट मांगा जाए और उसकी वास्तविकता की जांच की जाए तो दूध का दूध हो जाएगा और इस पर नियंत्रण लगेगा।
मयूर गोलवाला, वीवर