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TEXTILE NEWS- चीन वाया बांग्लादेश से निर्यात कर रहा सस्ते कपड़े

locationसूरतPublished: Dec 08, 2019 09:04:22 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

गारमेन्ट के कपड़ों में सूरत के कपड़ों की हिस्सेदारी घटी

TEXTILE NEWS- चीन वाया बांग्लादेश से निर्यात कर रहा सस्ते कपड़े

TEXTILE NEWS- चीन वाया बांग्लादेश से निर्यात कर रहा सस्ते कपड़े

प्रदीप मिश्रा, सूरत
मंदी से जूझ रहे कपड़ा उद्योग को एक ओर जहां घरेलू बाजार में मंदी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं चीन और वियतनाम जैसे देशों की चालाकी का शिकार भी बनना पड़ रहा है। बाग्लादेश के साथ फ्री टेड एग्रीमेन्ट होने के कारण चीन अपने देश के कपड़े वाया बांग्लादेश होकर भारत में भेज रहा है। इसका सीधा असर यहां के उद्योग पर पड़ रहा है। यहां के कपड़े महंगे होने के कारण उद्योग मुसीबत में आ गया है।
भारत में चीन, बांग्लादेश, वियतनाम, सहित कई देशों से भारत में कपड़़ो के धागे, कपड़े तथा नेट फेब्रिक्स का आयात किया जाता है। यह कपड़े कम कीमत के होने के कारण भारत का घरेलू कपड़ा उद्योग मुसीबत में आ गया है। सूरत में ज्यादातर पॉलिएस्टर कपड़ों का उत्पादन होता है। साड़ी, ड्रेस मटीरियल्स के साथ गारमेन्ट में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता था। देश के अन्य राज्यों के गारमेन्ट उद्यमी बड़े पैमाने पर सूरत के कपड़ो की खरीद करते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से उस पर चीन और बांग्लादेश की युति ने ग्रहण लगा दिया है।

TEXTILE NEWS- चीन वाया बांग्लादेश से निर्यात कर रहा सस्ते कपड़े
चालाक चीन से परेशानी
भारत और चीन के बीच व्यापारिक तौर पर फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट नहीं होने के कारण चीन से आयातित कपड़ों पर इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है। इससे चीन के कपड़े महंगे हो जाते हैं। इसका तोड़ निकालने के लिए चीन बांग्लादेश का इस्तेमाल कर रहा है। बांग्लादेश की गिनती गरीब देशों में होने के कारण चीन और भारत सहित कई देशों से बांग्लादेश का फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट है।चीन गारमेन्ट कपड़़ों का बड़ा उत्पादक है, यह कपड़े वह बांग्लादेश और वियतनाम से होकर भारत में भेजता है।
इसका खामियाजा सूरत समेत देशभर के उद्यमियों को हो रहा है। बांग्लादेश से आयातित कपड़ों पर ड्यूटी नहीं होने से वह सस्ते होते हैं इसलिए यहां के उद्यमियों के कपड़े नहीं बिक पाते। गारमेन्ट इन्डस्ट्री इससे परेशान है और बड़ा नुकसान उठा रही है। मात्र घरेलू बाजार ही नहीं निर्याात में भी नुकसान हो रहा है। सिन्थेटिक रेयोन टैक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने आयात के लिए रूल्स इन ओरिजिन के नियम के पालन की मांग की है। इसक मतलब है कि यदि बांग्लादेश चीन से कपड़ा आयात कर उसे भारत में भेज रहा है तो वह कपड़ा बांग्लादेश में ही बना होना चाहिए। उसका प्लान्ट भी वहीं होना चाहिए।
कपड़ा उद्योग को बड़ा नुकसान
चीन बड़ी चालाकी से वाया बांग्लादेश होकर अपने कपड़़े भेज रहा है। इस कारण हमें नुकसान हो रहा है। एक समय में बड़े पैमाने पर सूरत के कपड़े गारमेन्ट के लिए इस्तेमाल होते थे। अब इसमें कमी आई है। इस पर नियंत्रण के लिए चीन का वाया बांग्लादेश भारत में भेजे जाने वाले कपड़ों पर रोक लगाना आवश्यक है।
गिरधर गोपाल मंूंदड़ा, कपड़ा उद्यमी
रूल्स ऑफ ओरिजिन का कड़क अमल
यदि बांग्लादेश से आने वाले कपड़ों के साथ रूल्स ऑफ ओरिजिन का सर्टिफिकेट मांगा जाए और उसकी वास्तविकता की जांच की जाए तो दूध का दूध हो जाएगा और इस पर नियंत्रण लगेगा।
मयूर गोलवाला, वीवर
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