सूरत रेलवे सुरक्षा बल ने 12833 अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस में ८ अगस्त को वीआइपी कोटे में सीट कन्फर्म करवा कर यात्रा करने वाले दो यात्रियों को पकड़ा था। दोनों यात्रियों की सूचना नई दिल्ली रेलवे बोर्ड से मुम्बई रेल मंडल में रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त एस.आर. गांधी को दी गई थी। इसके बाद सूरत स्टेशन के सहायक सुरक्षा आयुक्त राकेश पांडेय, निरीक्षक ईश्वर सिंह यादव, अपराध शाखा निरीक्षक अरुण कुमार सिंह ने यात्री अशोक कुमार यादव और मोहम्मद इल्यास को पकड़ा था।
पूछताछ में उन्होंने इ-टिकट एजेंट गणेश झरी यादव को क्रमश: 1600 और 1500 रुपए देकर टिकट कन्फर्म करवाने की जानकारी दी। रेलवे सुरक्षा बल ने लिम्बायत गोडादरा में देवध रोड पर मथुरानगर-3 कृष्णा कृपा सोसायटी निवासी गणेश झरी यादव (३०) को गिरफ्तार किया। उसने राजेन्द्र का नाम बताया, जिससे वह टिकट कन्फर्म करवाता है। राजेन्द्र ने एक अन्य व्यक्ति अमर के बारे में बताया, जिससे वह टिकट कन्फर्म करवाता है। रेलवे सुरक्षा बल ने गणेश को चार दिन के रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की। बाद में उसे जेल भेज दिया गया।
सूरत रेलवे सुरक्षा बल की दो टीम बिहार और झारखंड भेजी गई थीं। बिहार में मुजफ्फरपुर और झारखंड में गिरीडीह क्षेत्र में राजेन्द्र तथा अमर की तलाश की गई, लेकिन घटना की जानकारी मीडिया में आने के बाद दोनों ने अपने मोबाइल बंद कर दिए हैं। रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने दोनों के घर पर नोटिस दिया। गांव के सरपंच तथा स्थानीय पुलिस को भी मामले से अवगत करवा दिया गया है। रेलवे सुरक्षा बल को बिहार और झारखंड से खाली हाथ लौटना पड़ा। अब सूरत रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक ईश्वर सिंह यादव सोमवार को जांच के लिए नई दिल्ली गए हैं। उनके लौटने की बाद इस मामले का रहस्य खुलेगा।
मंत्री-सांसद कौन, अभी तक रहस्य इस मामले में रेलवे वीआइपी कोटे से सीट कन्फर्म करवाने के लिए मंत्री और सांसद के लेटर पेड का इस्तेमाल हुआ है। यह लेटरपेड किस मंत्री-सांसद के हैं, यह रहस्य बना हुआ है। वीआइपी कोटे के लिए लेटरपेड नई दिल्ली में ही सबमिट हुआ था, ऐसी प्राथमिक जानकारी है। रेलवे सुरक्षा बल गिरफ्तार एजेंट के सम्पर्कों को खंगालने में जुटी है। फरार अमर बिहार में रेलवे इ-टिकट तथा एयरपोर्ट टिकट एजेंट है। उसके तार किसके साथ जुड़े हैं, यह पता चलने पर रेल कर्मचारी का नाम भी सामने आ सकता है।
मामला हाइ प्रोफाइल होने के कारण जांच में सावधानी बरती जा रही है। बिहार और झारखंड गई टीम आ गई है और एक टीम दिल्ली भेजी गई है। दिल्ली से टीम के लौटने के बाद इस मामले में कुछ और लोगों के नाम खुलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
राकेश पांडेय, सहायक सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल, सूरत