प्रकरण के अनुसार रिंगरोड अन्नपूर्णा मार्केट की खोडियार टैक्सटाइल और मन क्रिएशन के संचालक विजय घनश्याम पटेल के खिलाफ सायण की भक्तिनंदन टैक्सटाइल के प्रबंधक घनश्याम गोविंद पटेल ने अधिवक्ता नरेश गोहील के जरिए कोर्ट में चेक रिटर्न की तीन अलग-अलग शिकायतें की हैं। आरोप के मुताबिक अभियुक्त ने भक्तिनंदन टैक्सटाइल से तीस लाख रुपए का ग्रे कपड़ा उधार खरीदा था। पैमेंट के तौर पर उसने 26.68 लाख रुपए के चेक लिखकर दिए थे, जो बैंक से रिटर्न हो गए थे। सुनवाई के दौरान अभियुक्त की गैरहाजिरी होने पर कोर्ट ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वारंट रद्द करने जब अभियुक्त पहुंचा तो कोर्ट ने उस हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया था और बाद में केस चलाने की शर्त पर उसे जमानत पर रिहा किया था। इसके बावजूद जब केस की सुनवाई शुरू हुई तो अभियुक्त विजय ने उसका अधिवक्ता बाहर होने का रिपोर्ट पेश कर सुनवाई में विलंब करने का प्रयास किया। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता नरेश गोहील ने आपत्ति उठाते हुए दलीलें पेश की और उच्चतम न्यायालय के कुछ आदेशों को पेश कर बताया कि चेक रिटर्न के मामले छह महीने में पूरे करने चाहिए, लेकिन अभियुक्त इसका उल्लंघन कर रहा है। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अभियुक्त को हिरासत में लेकर लाजपोर जेल भेजने का आदेश दिया।