scriptसिटीलाइट में ढही इमारत की बालकनी | The balcony of the collapsed building in CityLight | Patrika News

सिटीलाइट में ढही इमारत की बालकनी

locationसूरतPublished: Mar 22, 2018 09:59:48 pm

शहर में बुधवार को दो इमारतों में हादसे के बाद गुरुवार को एक और इमारत की बालकनी ढहने से अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि इस हादसे में….

The balcony of the collapsed building in CityLight

The balcony of the collapsed building in CityLight

सूरत।शहर में बुधवार को दो इमारतों में हादसे के बाद गुरुवार को एक और इमारत की बालकनी ढहने से अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जन हानि नहीं हुई। हादसे के बाद सिटीलाइट क्षेत्र में काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। दमकलकर्मियों ने मलबा हटाया।

बुधवार को अठवा जोन के अठवा लाइंस में एक शॉपिंग मॉल में दीवार ढह गई थी तो घोड़दौड़ रोड पर एक निर्माणाधीन इमारत का स्लैब ढह गया था। गुरुवार को अठवा जोन के ही सिटीलाइट क्षेत्र में हादसा हुआ। दमकल विभाग के मुताबिक क्षेत्र में दस मंजिला राजलक्ष्मी कॉम्प्लेक्स की पहली मंजिल की बालकनी शाम करीब चार बजे अचानक ढह गई।

मलबा गिरने से हुई आवाज सुनकर कॉम्प्लेक्स के लोग बाहर दौड़ पड़े, जिससे अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने पर दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और मलबा हटाया। दमकल अधिकारी ने बताया कि हादसे में किसी प्रकार की जन हानि नहीं हुई। गौरतलब है कि बुधवार सुबह अठवागेट के धीरज संस मेगा स्टोर में दीवार ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।


इसके बाद रात करीब आठ बजे अठवा लाइंस की आदर्श सोसायटी में निर्माणाधीन इमारत का स्लैब गिरने से चार श्रमिक मलबे में दब गए थे। इस हादसे को लेकर रातभर कोहाराम मचा रहा। करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद दमकलकर्मियों ने चारों श्रमिकों को बाहर निकाला था। इनमें से दो की मौत हो चुकी थी।


इमारतों का नियमित निरीक्षण जरूरी

शहरीकरण के अपने नफे-नुकसान हैं। औद्योगिक शहर सूरत में पिछले कुछ सालों में विकास का पहिया जिस तेजी से घूमा है, खतरे भी उसी अनुपात में बढ़े हैं। शहर के कई इलाकों में गगनचुंबी इमारतों का जाल फैल चुका है। इनमें रिहायशी और व्यावसायिक इमारतें शामिल हैं। इनमें से कई इमारतेें बेहद पुरानी हैं। आम तौर पर बारिश के मौसम में ऐसी इमारतों की अनदेखी खतरनाक साबित होती है। सूरत में इमारतें ढहने के ज्यादातर मामले मानसून के दौरान ही होते हैं, लेकिन गर्मी की शुरुआत से ठीक पहले एक के बाद तीन इमारतों में हुए हादसों ने खतरे का अलार्म बजा दिया है। मनपा जर्जर इमारतों की सुध आम तौर पर मानसून के दौरान ही लेती है।

 

पिछले दो दिन के तीन हादसों का तकाजा यह है कि मनपा शहर की तमाम इमारतों पर हमेशा नजर रखे। इमारतों का नियमित निरीक्षण किया जाए और जहां जरूरी लगे वह अपनी देख-रेख में मरम्मत करवाए या ढहाने की कार्रवाई करे। कई बार मनपा नोटिस देने की औपचारिकता भर अदा करती है। ऐसी कागजी कार्रवाई के बदले अगर वह खुद इमारतों को अपने रडार पर रखेगी तो हादसे टाले जा सकेंगे। जन सुरक्षा प्रशासन के लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

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