नमक की ताकत समझने में अंग्रेजों ने भूल की: प्रधानमंत्री
सूरतPublished: Jan 30, 2019 11:24:59 pm
दांडी के राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक को प्रधानमंत्री मोदी ने किया राष्ट्र को अर्पित
नमक की ताकत समझने में अंग्रेजों ने भूल की: प्रधानमंत्री
नवसारी. नमक सत्याग्रह के बाद देश और दुनिया में क्या परिवर्तन आया, यह समझना जरूरी है। महात्मा गांधीजी नमक की कीमत जानते थे, लेकिन इसकी ताकत समझने में अंग्रेजों ने भारी भूल की। नमक सत्याग्रह सिर्फ एक आंदोलन नहीं था। इससे संगठन की भावना मजबूत होने के साथ स्वदेशी की भावना भी दृढ़ हुई। अगर बापू ने नमक सत्याग्रह नहीं किया होता, तो देश को आजादी मिलना मुश्किल था। यह बातें बुधवार को दांडी में राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक के राष्ट्रार्पण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सभा को संबोधित करते हुुए ग्रामोदय से भारत उदय की बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में कई डायलॉग सुनने में आए हैं। शौचालय से बदलाव आएगा क्या, सफाई प्रधानमंत्री का काम है क्या, बैंकों में खाते खोलने से गरीब अमीर बनेगा क्या आदि सवाल उठाए जाते रहे। हकीकत है कि छोटे-छोटे बदलावों से ही बड़े बदलाव संभव हैं। गांधी ने भी नमक, चरखा, खादी आदि से छोटे से छोटे आदमियों को एकजुट कर आ•ाादी का सैनिक बनाया था। उन्होंने कहा कि गांधीजी के 150वीं जयंती पर पूरे देश को शौच मुक्त बनाने का संकल्प लें। हमारे दिल में गांधी और खादी होने के कारण आज खादी संस्थाओं के 5 लाख लोगों को फायदा मिला है। ग्रामोद्योग के प्रयास से 30 करोड़ रुपए की बिक्री करने वाली इन संस्थाओं की आय दोगुनी हुई है।
प्रवासन के कारण दांडी में रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभास्थल में मौजूद लोगों से अपील की कि घर पर कोई मेहमान आता है, तो उसे दांडी दिखाने जरूर लाएं। जिले और आस-पास की एक भी स्कूल या कॉलेज ऐसा नहीं हो जिनके बच्चे दांडी तीर्थ की यात्रा नहीं करें। अगर यहां पर बडी संख्या में प्रवासी आएंगे, तो सींगचना, पानी, बिस्कुट, रिक्शा, टैक्सी व चाय वालों की आमदनी बढ़ेगी। स्मारक के बनने से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
इसके साथ ही उन्होंने गत वर्ष भारत सरकार के द्वारा 100 विदेशी कलाकारों से गवाया वैष्णव जन.. भजन भी दांडी स्मारक में आने वाले प्रवासी सुन सकें, ऐसी व्यवस्था करने को कहा।
लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, वनमंत्री गणपत वसावा, सांसद सीआर पाटील, राज्य खेलमंत्री ईश्वर पटेल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघाणी, विधायक पीयूष देसाई, गणदेवी के विधायक व जिला भाजपा अध्यक्ष नरेश पटेल, जलालपोर के विधायक आरसी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष अमिता पटेल समेत पदाधिकारी, अधिकारी, गांधी प्रेमियों समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
स्मारक का काम 14 वर्षों बाद हो पाया पूरा
नमक सत्याग्रह स्मारक को वैश्विक फलक पर रखने का विचार यूपीए सरकार ने किया था। वर्ष 2005 में दांडी आए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नमक सत्याग्रह स्मारक बनाने की घोषणा कर करोड़ों रुपए आवंटित किए थे। वर्षों तक स्मारक का काम अटका पड़ा रहा। जो 14 वर्षों के बाद पूरा हुआ। ३० जनवरी को गांधी निर्वाण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर स्मारक को राष्ट्र को अर्पण किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी तथा दांडी स्मारक के लिए बनी हाइ लेवल कमेटी के उपाध्यक्ष सुदर्शन आयंगर के साथ पूरे स्मारक स्थल का निरीक्षण भी किया।