लंबे अंतराल के बाद बीते हफ्ते हीरा मार्केट खुला तो सप्ताह के बचे हुए दिन मनपा की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसीजर (एसओपी) को समझने में ही लग गए थे। कमोबेश यही स्थिति टैक्सटाइल मार्केट की थी, जहां एसओपी के साथ ही ऑड-ईवन के सिस्टम को समझना और तैयार करना अहम था। पहले से तय था कि सोमवार का दिन पूरे हफ्ते की चाल तय कर देगा। शहर के सेफ डिपॉजिट वॉल्ट्स की एसोसिएशन ने 19 जुलाई तक सेल्फ लॉकडाउन पर जाने का ऐलान कर दिया। शहर के हीरा कारोबारी और दलाल रोजाना सुबह इन वॉल्ट्स से हीरे निकालते हैं और काम खत्म होने के बाद शाम को उन्हें फिर वॉल्ट्स में रख दिया जाता है। इन वॉल्ट्स के लॉकडाउन पर जाने के बाद शहर में हीरा बाजारों के खोलने का भी कोई खास मतलब नहीं रह गया। इस फैसले के बाद तय हो गया कि अब 19 जुलाई तक तो बाजार में अघोषित बंदी का माहौल ही रहना है।
उधर, कपड़ा मार्केट्स में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही। मनपा प्रशासन ने कपड़ा बाजार के लिए जारी एसओपी में ऑड-ईवन की शर्त शामिल की थी। यानी तकनीकी रूप से बाजार भले पूरे हफ्ते खुलें लेकिन दुकानें तो महज तीन दिन ही खुलनी थीं। उधर, फोस्टा ने भी व्यापारियों को जरूरत नहीं होने पर दुकानें खोलने से परहेज बरतने की अपील की थी। सोमवार को जब बाजार खुला तो इसका असर देखने को मिला। मार्केट्स में आधी दुकानें ही खुलनी थीं। इनमें भी 50 फीसदी व्यापारियों ने ही अपनी दुकानें खोलीं। कई व्यापारी तो दुकान खोलने की महज औपचारिकता निभाने मार्केट्स में आए और जल्दी ही वापस लौट गए।