सराथाना क्षेत्र निवासी घनश्याम जसानी मूलतः सौराष्ट्र के निवासी है, लेकिन सालों से उन्होंने सूरत को कर्मभूमि बनाया है। लस्काना के डायमंड नगर में उनका लूम कारखाना है, लेकिन कोरोना को काबू में लेने लॉक डाउन लागू करने के बाद सूरत से श्रमिकों का जो पलायन शुरू हुआ, उसमे घनश्याम भाई के कारखाने के श्रमिक भी गांव चले गए। अब जब अनलॉक हुआ है और उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी गई हैं, तब उद्योगों को श्रमिकों की कमी खल रही है। घनश्याम भाई ने बताया श्रमिकों के नहीं लौटने के कारण उनका कारखाना अब तक शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में परिवार का गुजारा चलाना भी मुश्किल हो गया है। इसलिए एक महीने से उन्होंने नींबू बेचना शुरू किया है। बेटे हर्षिल को साथ रख पुणा बीआरटीएस रूट समते अलग अलग क्षेत्र में रोज अपनी कार में नींबू का जत्था भरकर बेचने निकलते है। इससे थोड़ी बहुत कमाई हो रही है, जिससे गुजारा चल रहा है।