पहले उठाए कंकर-पत्थर फिर बिछाई बालू रेत
25 श्रमिकों को दिहाड़ी मजदूरी पर रखकर श्रीश्याम दीवाने कीर्तन मंडली के दस सदस्यों ने बुधवार तक रींगस से खाटूधाम के तोरणद्वार तक के मार्ग से कंकर-पत्थर हटाए। करीब डेढ़ दिन तक चले साफ-सफाई के इस कार्य में मंडली के 35 सदस्यों ने सुबह आठ से रात आठ बजे तक लगातार 12 घंटे रींगस से खाटूधाम के बीच 15 किलोमीटर तक कंकर-पत्थर बीनने का कार्य किया। इसके बाद साफ-सुथरे पथ मार्ग पर बालू मिट्टी बिछाई गई।
तीन सौ ट्रॉली बालू मिट्टी बिछाई
रींगस से करीब आधा किलोमीटर दूर से मंडली ने पथ मार्ग से कंकर-पत्थर हटाकर उस पर बालू मिट्टी बिछाने का कार्य किया। इसमें पहले डेढ़ दिन तक हटाए गए कंकर-पत्थर से डेढ़ ट्रॉली भरी गई। इसके बाद सड़क किनारे तीन फीट की चौड़ाई तक पदयात्रियों के सुविधार्थ बालू मिट्टी बिछाने का कार्य शुरू हुआ और इसमें गुरुवार रात तक तीन सौ ट्रॉली बालू मिट्टी बिछाई जा चुकी थी। फाल्गुन लक्खी मेले में हजारों पदयात्री लाल जाजम के साथ-साथ बालू मिट्टी पर चलेंगे।
रींगस से करीब आधा किलोमीटर दूर से मंडली ने पथ मार्ग से कंकर-पत्थर हटाकर उस पर बालू मिट्टी बिछाने का कार्य किया। इसमें पहले डेढ़ दिन तक हटाए गए कंकर-पत्थर से डेढ़ ट्रॉली भरी गई। इसके बाद सड़क किनारे तीन फीट की चौड़ाई तक पदयात्रियों के सुविधार्थ बालू मिट्टी बिछाने का कार्य शुरू हुआ और इसमें गुरुवार रात तक तीन सौ ट्रॉली बालू मिट्टी बिछाई जा चुकी थी। फाल्गुन लक्खी मेले में हजारों पदयात्री लाल जाजम के साथ-साथ बालू मिट्टी पर चलेंगे।
एक मार्च से लगातार होगी सफाई
फाल्गुन लक्खी मेले के दौरान खाटूश्यामजी मंदिर के बाहर बनी जिगजैग को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए श्रीश्याम दीवाने कीर्तन मंडली के एक सौ इकत्तीस सदस्य दिन-रात श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच से गंदगी-कचरा साफ करते रहेंगे। मंडली ने मंदिर प्रांगण के बाहर साफ-सफाई की रूपरेखा तैयार कर ली है और इसमें 131 सदस्यों की अलग-अलग टोलियां अलग-अलग समय में जिगजैग की अलग-अलग गैलरी में चप्पल-जूते, प्लास्टिक समेत अन्य कचरा हटाने में व्यस्त रहेगी।
फाल्गुन लक्खी मेले के दौरान खाटूश्यामजी मंदिर के बाहर बनी जिगजैग को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए श्रीश्याम दीवाने कीर्तन मंडली के एक सौ इकत्तीस सदस्य दिन-रात श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच से गंदगी-कचरा साफ करते रहेंगे। मंडली ने मंदिर प्रांगण के बाहर साफ-सफाई की रूपरेखा तैयार कर ली है और इसमें 131 सदस्यों की अलग-अलग टोलियां अलग-अलग समय में जिगजैग की अलग-अलग गैलरी में चप्पल-जूते, प्लास्टिक समेत अन्य कचरा हटाने में व्यस्त रहेगी।
स्वयं के चुभे तो ख्याल आया
रींगस से खाटूधाम तक कुछ साल पहले मेले में साष्टांग दंडवत यात्रा के दौरान कंकर-पत्थर चुभने की तकलीफ महसूस हुई थी। बस तब से ठान लिया कि अब किसी श्यामभक्त के पैर में कंकर-पत्थर नहीं चुभना चाहिए और बाबा की कृपा से सफाई कार्य लगातार जारी है।
हरिभाई मल्ल, सेवा प्रभारी, श्रीश्याम दीवाने कीर्तन मंडली