scriptरमजान में खुल जाते हैं पुण्य के द्वार | The doors of virtue open in Ramadan | Patrika News

रमजान में खुल जाते हैं पुण्य के द्वार

locationसूरतPublished: May 12, 2019 08:40:50 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

मस्जिदों में पढ़ी जाती है पांचों वक्त की नमाज

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रमजान में खुल जाते हैं पुण्य के द्वार


सिलवासा. रमजान के कारण प्रदेश में भाईचारा एवं सौहार्द का माहौल बना हुआ है। शाम होते ही इफ्तारी होने लगती है। रोजा खोलते समय मुस्लिम बंधु हिन्दुओं को भी निमंत्रित कर रहे हैं। रमजान में मुस्लिम बंधु प्रतिदिन खुदा को साक्षी मानकर मस्जिदों में पांच वक्त की नमाज अदा करते हैं। नमाज के बाद आपस में गले मिलकर खुदा का शुक्रगुजार करते हैं। जामा मस्जिद के मौलाना ने बताया कि इस माह में इंसान के बुरे कर्म समाप्त होकर पुण्य के द्वार खुल जाते हैं। रमजान में अकीदतमंदों को सब्र का इम्तिहान देना पड़ता है। सहरी और इफ्तार में करीब 14 से 15 घंटे का अंतर है। चांद दिखने पर 5 जून को ईदुल फितर मनाया जाएगा। 31 मई को जुमातुल विदा होगा, जिसमें रोजेदार को उत्तम एवं पुण्य कार्यो का अवसर मिलेगा। जामा मस्जिद, किलवणी नाका, बाविसा फलिया मजिस्द के पास फल-खानपान की दुकानों में भीड़ बढ़ जाती है। समाजसेवी नौशाद शेख ने बताया कि रोजेदार दही-बड़ा, फुलैरी, फुलकी, जलेबी आदि की खरीदारी करते हैं। दुकानों पर खजूर की मांग ज्यादा है।

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