शुरू में घायलों की संख्या 35 बताई गई थी, लेकिन यह आंकड़ा बढ़कर 74 हो गया है। इनमें 24 लोगों को शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। शहर के विभिन्न अस्पतालों में फिलहाल 50 लोगों का इलाज चल रहा है। घायलों के इलाज के लिए रक्त की जरुरत को देखते हुए शुक्रवार को विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया। शिविर में 102 लोगों ने रक्तदान किया।
गौरतलब है कि इसी कंपनी में बुधवार दोपहर को केमिकल प्रोसेसिंग के दौरान धमाका हो गया था। इस हादसे में पांच मजदूरों ने कंपनी में ही झुलस कर दम तोड़ दिया था और तीन मजदूरों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अगले दिन गुरुवार को दो और गंभीर घायलों ने दम तोड़ दिया था। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर दस हो गया है। कंपनी में हुए हादसे की भयावहता का आलम यह था कि भावनगर के घोघा बंदरगाह तक धुआं उठता देखा गया था। हादसे के बाद कंपनी में सुरक्षा उपायों पर भी सवाल उठे थे। प्लांट में केमिकल ब्लास्ट से लगी आग के कारण आसपास के क्षेत्रों में जहरीली गैस फैलने की आशंका को देखते हुए समीप के दो गांवों के निवासियों को सुरक्षित जगह पर भेजा गया था। अगले दिन गुरुवार सुबह भी कंपनी में धमाके के साथ आग पकड़ ली थी, लेकिन मौके पर पहुंची दमकल ने आग पर काबू पा लिया था।
एक करोड़ रुपए के मुआवजे का आदेश यशस्वी रसायन कंपनी को गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आग से पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक करोड़ रुपए का मुआवजा चुकाने का आदेश दिया। साथ ही कंपनी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का नोटिस दिया है।
प्रशासन ने भी लिए सैम्पल दहेज स्थित यशस्वी कंपनी में ब्लास्ट की घटना के बाद से जांच का दौर शुरु हो गया। सेफ्टी व हेल्थ विभाग के साथ प्रशासन ने भी कंपनी में जाकर सैम्पल लिए हैं। युवा सेना गुजरात ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के लिए कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
सांसद ने की घायलों से मुलाकात भरुच के सांसद मनसुख बसावा ने शुक्रवार को दहेज की यशस्वी रसायन कंपनी में धमाके के बाद घायल हुए कर्मचारियों से मुलाकात की व उनका हाल चाल जाना। राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल ने हादसे के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि कारखानों में सुरक्षा आडिट की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।