मृतक के परिजन शुक्रवार को शव लेकर अंकलेश्वर के रामकुंड स्थित श्मशान गृह गए थे। जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग वहां जमा हो गए और अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। मौके पर पहुंची पुलिस भी लोगों के विरोध को खत्म नहीं करा पाई। शनिवार सुबह भरुच स्थित श्मशान गृह पर शव को अंतिम संस्कार के लिए लाये जाने की तैयारी हो रही थी, लोगों ने श्मशान गृह में डेरा जमा लिया। श्मशान गृह के आसपास रहने वाले लोगों ने धुएं से बीमारी फैलने की बात कहते हुए दाह संस्कार में रोड़े अटकाए। मोहल्ले की महिलाएं भी विरोध में श्मशान घाट की सीढ़ी पर बैठ गईं।
घटना की जानकारी पाते ही भरुच एसडीएम एन.आर. प्रजापति श्मशान घाट पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। प्रशासन ने नर्मदा नदी के किनारे अंतिम संस्कार के लिए जेसीबी मंगाई तो लोगों ने उसका भी विरोध किया। स्थिति जटिल होती देख भरुच के डिप्टी एसपी डी.पी. वाघेला के साथ ही ए डिवीजन थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस के सख्ती बरतने पर लाोग घरों को लौट गए, जिसके बाद नदी किनारे मृतक का दाह संस्कार किया गया। मृतक के पुत्र ने प्रशासन पर लापरवाही और असहयोग का आरोप लगाया।