सूरत

खो गई संवेदना- कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार भी हो रहा मुश्किल

श्मशान घाट पर मचा घमासानए कोरोना पाजिटिव व्यक्ति की मौत के बाद स्थानीय निवासियों ने नहीं होने दिया श्मशान में अंतिम संस्कार, पुलिस के दखल के बाद हो पाया दाह संस्कार

सूरतJul 04, 2020 / 08:01 pm

विनीत शर्मा

खो गई संवेदना- कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार भी हो रहा मुश्किल

भरुच. कोरोना संक्रमित मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार भी मुश्किल होता जा रहा है। भरुच जिले में एक संक्रमित मृतक का शव दो दिन इधर-उधर भटकता रहा, लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार नहीं हो सका। शव को पहले अंकलेश्वर के रामकुंड स्थित श्मशान गृह ले जाया गया, लेकिन लोगों के विरोध के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। बाद में उसे भरुच स्थित श्मशान गृह लाया गया। यहां भी लोगों ने विरोध किया, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
मृतक के परिजन शुक्रवार को शव लेकर अंकलेश्वर के रामकुंड स्थित श्मशान गृह गए थे। जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग वहां जमा हो गए और अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। मौके पर पहुंची पुलिस भी लोगों के विरोध को खत्म नहीं करा पाई। शनिवार सुबह भरुच स्थित श्मशान गृह पर शव को अंतिम संस्कार के लिए लाये जाने की तैयारी हो रही थी, लोगों ने श्मशान गृह में डेरा जमा लिया। श्मशान गृह के आसपास रहने वाले लोगों ने धुएं से बीमारी फैलने की बात कहते हुए दाह संस्कार में रोड़े अटकाए। मोहल्ले की महिलाएं भी विरोध में श्मशान घाट की सीढ़ी पर बैठ गईं।
घटना की जानकारी पाते ही भरुच एसडीएम एन.आर. प्रजापति श्मशान घाट पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। प्रशासन ने नर्मदा नदी के किनारे अंतिम संस्कार के लिए जेसीबी मंगाई तो लोगों ने उसका भी विरोध किया। स्थिति जटिल होती देख भरुच के डिप्टी एसपी डी.पी. वाघेला के साथ ही ए डिवीजन थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस के सख्ती बरतने पर लाोग घरों को लौट गए, जिसके बाद नदी किनारे मृतक का दाह संस्कार किया गया। मृतक के पुत्र ने प्रशासन पर लापरवाही और असहयोग का आरोप लगाया।

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