सामान्य सभा की कार्रवाई दोबारा शुरू होने के बाद भी हालात नहीं बदले तो बजट को चर्चा बिना ही पास कर कार्रवाई पूरी कर ली गई थी। उसके बाद से लगातार चार सामान्य सभाओं में कांग्रेस जहां चौमाल की शब्द वापसी पर अड़ी थी, भाजपा के तेवर भी हल्के नहीं थे। इस दौरान बोर्ड के समक्ष लाए गए कामों को बगैर चर्चा ही पास किया जा रहा था।
लंबी जद्दोजहद के बाद सामान्य सभा का कामकाज सामान्य होने के आसार नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की चौमाल के शब्द वापस लेने की बात को मिनिट्स में शामिल करने की मांग को सत्ता पक्ष ने मान लिया है। 26 अप्रेल को प्रस्तावित सामान्य सभा से पहले जारी हुए मिनिट्स में इस बात का उल्लेख किया गया है कि शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच विजय चौमाल ने अपने शब्द वापस ले लिए थे।
सचिवालय पर उठाया था सवाल
बीती सामान्य सभाओं में महापौर ने कहा था कि पार्षद चौमाल ने अपने शब्द वापस ले लिए हैं। कांग्रेस ने सवाल उठाया था कि फिर इसे मिनिट्स में शामिल क्यों नहीं किया गया। सत्ता पक्ष के यह कहने पर कि कार्रवाई दर्ज करते समय मनपा सेके्रट्रिएट हंगामे के बीच यह बात सुन नहीं पाया होगा, कांग्रेस पार्षद असलम साइकिलवाला ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही थी।